महाराष्ट्र में MSP से भी नीचे गिरा कपास का भाव, जानें क्या है ताजा मंडी रेट

सीजन की शुरुआत में कई बाजारों में कपास के बीज की कीमतें 3,600-4,100 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में थीं, जो अब मांग में गिरावट के कारण 3,000-3,500 रुपये के स्तर पर आ गई हैं. हालांकि, कपास की दैनिक आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है.

कपास की कीमतों में आ रही है गिरावट. (सांकेतिक फोटो)

कपास की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. अभी देश भर में कच्चे कपास की कीमतें 6,500 रुपये से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं, जो 7,521 रुपये के एमएसपी से काफी कम है. खास बात यह है कि इस सीजन में रकबे में गिरावट के अनुमान होने के बावजूद कपास की कीमतों में गिरावट जारी है. वहीं, जानकारों का कहना है कि मिलों की ओर से कपास की मांग में कमी है. इसके चलते भी कीमतों में गिरावट के कारण कच्चे कपास की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है.

अभी महाराष्ट्र में कपास की कीमतें 6,500 रुपये से 7,000 रुपये के बीच हैं. लेकिन किसान 7,500 या उससे अधिक प्रति क्विंटल चाहते हैं, लेकिन जिनर्स मौजूदा बाजार स्थितियों के कारण भुगतान करने में असमर्थ हैं. ऐसे में बाजार का अनुमान लगाना मुश्किल है, क्योंकि कोई समर्थन नहीं है. इस क्षेत्र के लिए शीर्ष व्यापार निकाय, कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 2024-25 सीजन के लिए 302 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) पर उत्पादन में 7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. सीएआई ने खपत को 313 लाख गांठ पर स्थिर रखा है. सीएआई के आंकड़ों के अनुसार 22 नवंबर तक कुल आवक 42.60 लाख गांठों से अधिक थी.

बढ़ रही है कपास की दैनिक आवक

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजन की शुरुआत में कई बाजारों में कपास के बीज की कीमतें 3,600-4,100 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में थीं, जो अब मांग में गिरावट के कारण 3,000-3,500 रुपये के स्तर पर आ गई हैं. हालांकि, कपास की दैनिक आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है और 1.6 लाख गांठों के आसपास मंडरा रही है. सूत्रों ने कहा कि मिलों की ओर से मांग में गिरावट के चलते बाजार में आधे से अधिक आवक को CCI द्वारा MSP पर खरीदा जा रहा है.

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रायचूर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और घरेलू फर्मों के लिए सोर्सिंग एजेंट रामानुज दास बूब ने कहा कि हाल ही में निचले स्तर की कीमतों पर कुछ मांग आ रही है. कपास की कीमतें हाल ही में 53,000 रुपये प्रति कैंडी के निचले स्तर पर पहुंच गई थीं, जो सीजन की शुरुआत में 57,500 रुपये के स्तर पर थी. पिछले दो दिनों में लगभग 500-1,000 रुपये प्रति कैंडी की कुछ रिकवरी देखी गई है.

यहां से कपास मंगवा रहे हैं

उन्होंने कहा कि कीमतें अब 53,000-54,000 रुपये प्रति कैंडी पर चल रही हैं. दास बूब ने कहा कि कीमतें नीचे आ गई हैं और मिलर्स के लिए इन स्तरों पर खरीदारी करना अच्छा है. चूंकि इस साल रायचूर और अदोनी क्षेत्रों में कपास की गुणवत्ता अच्छी रही है, इसलिए उत्तर के मिलर्स इस क्षेत्र से खरीदारी कर रहे हैं. उत्तर भारत में, इस साल क्षेत्र में कमी के कारण उत्पादन कम रहा. राजकोट में कोट्यार्न ट्रेडलिंक के सीईओ आनंद पोपट ने कहा कि गुजरात के किसान मौजूदा कीमतों पर कपास रोके हुए हैं. नतीजतन, जिनिंग गतिविधि धीमी है. वहीं, कुछ जिनर्स महाराष्ट्र और कर्नाटक से कपास मंगवा रहे हैं.

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