हरियाणा में DAP की भारी किल्लत, 1 बोरी खाद के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार

डीएपी की किल्लत को लेकर विपक्षी कांग्रेस भी हरियाणा की बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार समय रहते उचित कदम उठाने में विफल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरसों, गेहूं और कुछ अन्य फसलों की खेती के लिए आवश्यक डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की कमी ने किसानों को लंबी कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर कर दिया है.

हरियाणा में DAP की भारी किल्लत, 1 बोरी खाद के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार

हरियाणा के कई जिलों में डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की भारी किल्लत हो गई है. ऐसे में सरसों की बुवाई कर रहे किसानों को समय पर उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. किसानों की एक बोरी डीएपी के लिए घंटों लंबी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी कई किसान खाली हाथ ही घर लौटने के मजबूर हैं. हालांकि, हरियाणा में अभी सरसों की बुवाई का पीक सीजन चल रहा है. यदि किसानों को प्रयाप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल तो फसल की पैदावार भी प्रभावित हो सकती है.

वहीं, कई जगह पर स्थिति इतनी अधिक गंभीर हो गई कि किसानों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. डीएपी की किल्लत को लेकर विपक्षी कांग्रेस भी हरियाणा की बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार समय रहते उचित कदम उठाने में विफल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरसों, गेहूं और कुछ अन्य फसलों की खेती के लिए आवश्यक डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की कमी ने किसानों को लंबी कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर कर दिया है. फिर भी उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है.

हरियाणा में सरसों बुवाई का पीक मौसम

लोहारू के किसान कार्यकर्ता दयानंद पूनिया ने आरोप लगाया कि सरसों की बुवाई का यह पीक मौसम है, लेकिन राज्य में डीएपी की कमी है. सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है. कुछ दिन पहले, भिवानी जिले के तोशाम थाने के बाहर कई किसान लंबी कतारों में खड़े थे, क्योंकि पुलिस ने प्रक्रिया को संभाला और किसानों को पर्चियां दीं, जिन्हें वे डीएपी बैग के बदले में ले सकते थे. बुधवार को फोन पर पूनिया ने कहा कि यह स्थिति केवल तोशाम तक ही सीमित नहीं है. पूनिया ने कहा कि अगले महीने गेहूं की बुआई शुरू होने के बाद डीएपी की मांग और बढ़ेगी.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उठाया मुद्दा

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में कहा था कि सरकार किसानों को डीएपी उपलब्ध कराने में असमर्थ है. उन्होंने आरोप लगाया था कि खाद की आपूर्ति न होने के कारण किसानों को कई दिनों तक लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है. फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पाती और उन्हें इसे काला बाजार से खरीदना पड़ता है. हालांकि, डीएपी की कमी को लेकर विपक्षी नेताओं के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में यूरिया और डीएपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. प्रवक्ता ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि 28 अक्टूबर तक राज्य में कुल 4,22,958 मीट्रिक टन यूरिया (पुराना स्टॉक सहित), 27,357 मीट्रिक टन डीएपी, 72,487 मीट्रिक टन एसएसपी (सिंगल सुपरफॉस्फेट) तथा 31,206 मीट्रिक टन एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम) उपलब्ध है.

523554 मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया गया

प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने अक्टूबर महीने तक हरियाणा के लिए 5,23,554 मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया है, जिसमें से अब तक 1,41,173 मीट्रिक टन मिल हो चुका है तथा अगले तीन दिनों में 7,800 मीट्रिक टन यूरिया आने की उम्मीद है. इसी प्रकार, केंद्र सरकार ने अक्टूबर माह के लिए 1,15,150 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है, जिसमें से अब तक 68,929 मीट्रिक टन प्राप्त हो चुका है. प्रवक्ता ने यह भी बताया कि 27 अक्टूबर तक किसानों ने 1,16,364 मीट्रिक टन यूरिया, 95,541 मीट्रिक टन डीएपी, 14,892 मीट्रिक टन एसएसपी तथा 25,938 मीट्रिक टन एनपीके का उपयोग किया है.