15 अप्रैल से पहले किसान बनवा लें Farmer ID, वरना साल में 12,000 रुपये का नहीं मिलेगा लाभ

महाराष्ट्र में 15 अप्रैल से किसान योजनाओं का लाभ उठाने के लिए 'किसान पहचान नंबर' जरूरी होगा. अब तक 1 करोड़ किसानों ने ID बनवाई है, जबकि 70 लाख अभी बाकी हैं. सरकार का दावा है कि यह डिजिटल रिकॉर्ड्स के लिए है, लेकिन किसान संगठनों को डेटा कॉरपोरेट्स को दिए जाने की आशंका है.

सभी पात्र किसान के लिए बहुत जरूरी खबर. Image Credit: @tv9

महाराष्ट्र के किसानों को 15 अप्रैल से राज्य कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ‘किसान पहचान नंबर’ (Farmer ID) जरूरी होगा. जिन किसानों के पास यह ID नहीं है, वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) और राज्य की नामो शेतकरी महासम्मान निधि जैसी योजनाओं से वंचित रह सकते हैं. इन दोनों योजनाओं के तहत किसानों को सालाना कुल 12,000 रुपये की मदद मिलती है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में कुल 1.71 करोड़ पंजीकृत किसान हैं, जिनमें से लगभग 1 करोड़ किसानों ने अब तक किसान ID बनवा ली है. यानी करीब 70 लाख किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक Farmer ID नहीं बनवाई है और उनकी कुल संख्या का 41 फीसदी हैं. हालांकि, यह किसान ID केंद्र सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जिसका मकसद कृषि से जुड़े रिकॉर्ड्स को डिजिटल करना है. यह योजना पूरे देश में लागू की जा रही है.

ये भी पढ़ें- PM Kisan: 30 अप्रैल से पहले किसान पूरा कर लें ये जरूरी काम, नहीं तो रुक सकती है 20वीं किस्त की राशि

आवेदन करने वाले किसानों की पहचान

किसान ID को ‘एग्रीस्टैक’ पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जो किसानों से जुड़ी जानकारी का एक डिजिटल डेटाबेस है. इसमें जमीन के रिकॉर्ड, पशुधन की जानकारी, फसलों के पैटर्न और अब तक मिली सरकारी सुविधाओं का पूरा ब्योरा होगा. इस सिस्टम का मकसद यह है कि सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने वाले किसानों की पहचान और जांच की प्रक्रिया आसान बनाई जा सके.

एक यूनिक किसान ID दी जाएगी

इसके लिए किसानों और उनकी जमीन से जुड़ी जानकारी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड्स से ली जाएगी और उसे आधार नंबर से जोड़ा जाएगा. हर किसान को उसकी जमीन की जानकारी के साथ एक यूनिक किसान ID दी जाएगी. ऐसा राज्य सरकार के आदेश (Government Resolution) में कहा गया है.

ये भी पढ़ें- CM मोहन यादव का ऐलान- 14 अप्रैल को सरकार शुरू करेगी खास योजना, लाखों पशुपालकों को होगा सीधा फायदा

सरकार ने यह भी कहा है कि जिन किसानों ने अब तक किसान ID के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, उन्हें जल्द से जल्द इसके लिए प्रेरित किया जाए. इसके लिए ग्राम कृषि विकास समिति, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और स्थानीय स्तर की टीमों की मदद ली जानी चाहिए.

योजना पर किसान नेता की नाराजगी

जिन किसानों ने अब तक किसान ID के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, वे अपने आधार नंबर के साथ गांव या जिला स्तर के केंद्रों पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया बहुत आसान है और इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है. लेकिन किसान संगठनों ने इस योजना को लेकर चिंता जताई है. किसान सभा के अजीत नवले ने कहा कि किसानों से ली जा रही सारी जानकारी जैसे उनकी जमीन, खेती का पैटर्न और कौन-सी फसलें उगाई जा रही हैं. सरकार के पास होगी और बाद में ये डेटा कृषि से जुड़े कॉरपोरेट्स को भी मिल सकता है. यह योजना किसानों के लिए नहीं, बल्कि कॉरपोरेट कंपनियों के लिए बनाई गई है.