नौकरी छोड़ जर्मन टीचर ने शुरू किया गौपालन, 6 साल में 4 से हुईं 100 गायें; अब इतने लाख की हो रही इनकम

Agriculture Success Story: हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली मिलन शर्मा ने गौपालन शुरू करने के लिए टीचर की नौकरी छोड़ दी. साल 2018 में 4 देसी गायों के साथ डेयरी का बिजनेस शुरू किया. आज उनके पास 100 गायें हैं, जिससे साल में लाखों रुपये की कमाई हो रही है.

गायों के साथ महिला किसान मिलन शर्मा. Image Credit: Money9

Animal Husbandry: जर्मन भाषा सीखने के बाद अधिकांश लोगों की चाहत होती है, उसे जर्मनी जाने का एक बार मौका जरूर मिले ताकि नौकरी से अच्छी कमाई की जा सके. लेकिन आज हम एक ऐसी जर्मन टीचर के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने गौपालन के लिए अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी और गांव आकर डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू कर दिया. इससे उन्हें साल में लाखों रुपये की कमाई हो रही है. इसके अलावा वे जैविक विधि से 20 एकड़ में गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा और तुअर की खेती भी कर रही हैं.

हम जिस जर्मन टीचर की बात करने जा रहे हैं उनका नाम मिलन शर्मा है. अभी वे हरियाणा के फरीदाबाद जिले के पावता गांव में डेयरी फार्म चला रही हैं. खास बात यह है कि उन्होंने साल 2018 में 60 हजार रुपये खर्च कर 4 गायों के साथ यह बिजनेस शुरू किया था. अभी उनके पास 100 गायें हैं, जिनमें से 40 दुधारू हैं. अभी वे रोज 100 लीटर दूध बेच रही है. इसके अलावा पनीर और घी का भी कारोबार कर रही हैं. इससे उन्हें अतिरिक्त कमाई हो रही है.

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मिलन शर्मा दूध के अलावा गाय का घी भी बेचती हैं.

दूध और घी से महीने की कमाई

Money9live से बात करते हुए महिला किसान मिलन शर्मा ने कहा कि वो महीने में 3000 लीटर दूध बेचती हैं. जबकि, 20 किलो पनीर और 5 किलो घी की भी सेलिंग हो जाती है. इससे उन्हें महीने में 75 हजार रुपये का शुद्द मुनाफा होता है. यानी वे साल में मिल्क प्रोडक्ट्स बेचकर 9 लाख रुपये की कमाई कर रही हैं. इसके अलावा वे खेती से भी साल में 5 लाख रुपये तक कमा लेती हैं. यानी पशुपालन और खेती से उनकी साल की इनकम 14 से 15 लाख रुपये के करीब है.

Amity School में रहीं शिक्षिका

55 वर्षीय मिलन शर्मा ने कहा कि उन्होंने बायोकैमिस्ट्री में एमएससी किया है. साथ ही जर्मन भाषा में मास्टर डिग्री की है. उन्होंने करीब 13 साल तक नोएडा स्थित Amity School में बच्चों को जर्मन भाषा पढ़ाई. मिलन शर्मा को बायोकैमिस्ट्री, एजुकेशन, जर्मन भाषा, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, डेयरी और अब कृषि जैसे विषयों पर गहरी जानकारी है. उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत बतौर एक शिक्षिका के रूप में की थीं. लेकिन अब डेयरी बिजनेस में भी उनका अच्छा नाम हो गया है.

20 एकड़ में इन फसलों की खेती

मिलन शर्मा ने बताया कि वो प्राकृतिक तरीके से खेती करती हैं. उन्होंने कहा कि वे 20 एकड़ में गेहूं, मक्का, बाजरा और तुअर जैसी फसलों की खेती करती हैं. खाद और कीटनाशक के रूप में केवल गाय का गोबर और गोमूत्र का ही इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, 12 एकड़ में गायों के चारे की बुवाई की जाती है, ताकि पशुओं को हरी-हरी घास खाने को मिल सके.

मिलन शर्मा ने बताया कि शुरुआत में खेती और गौपालन शुरू करने पर लोग मेरा मजाक उड़ाते थे. लेकिन धीरे-धीरे मेरी दृढ़ता और मिल रही सफलता ने स्थानीय किसानों का मेरे प्रति दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल दिया. अब दूसरे किसान भी हमसे डेयरी और खेती करने की सलाह लेते हैं.

गोबर के प्रोडक्ट्स

मिलन शर्मा डेयरी फार्म के गोबर का इस्तेमाल गोबर गैस प्लांट की मदद से बिजली और ईंधन के तौर पर करती हैं. इसके साथ ही वह गोबर से ईंटे, धूपबत्ती, उपले, खाद आदी बनाती हैं. उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य देश के शिक्षित युवाओं के बीच डेयरी और कृषि को अधिक लाभ कमाने वाले उद्यम के रूप में लोकप्रिय बनाना है.

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