पिज्जा-पास्ता को लज्जत देने वाला ऑरिगैनो बना सकता है मालामाल, जानें इसकी खेती और इस्तेमाल की पूरी डिटेल
जब गर्मा-गरम पिज्जा आपके सामने परोसा जाता है, तो उसमें से आने वाली महक आपको मंत्रमुग्ध कर लेती है. चीज से मोटापा बढ़ने की चिंता का खयाल गायब हो जाता है. पिज्जा सीधे आपके मुंह में होता है. पिज्जा और पास्ता जैसे तमाम व्यंजनों की इस दिलकश महक का राज ऑरिगैनो में छिपा है. चलिए फिर जानते हैं कैसे ऑरिगैनो आपको मालामाल कर सकता है.
पिज्जा-पास्ता की सीजनिंग की जान कहे जाने वाला ऑरिगैनो यानी अजवाइन भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है. हमारे घरों में हर रोज अजवाइन का इस्तेमाल होता है. वहीं, सीजनिंग में अजवाइन के पौधे की सूखी पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खेती को दोहरे मुनाफे का सौदा माना जाता है. एक तरफ इसके बीज यानी अजवाइन को बेचा जा सकता है. इसके साथ ही इसकी पत्तियां भी बेची जाती हैं. अजवाइन की खेती के बारे में आपको बताने से पहले यह भी बता देते हैं कि राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) ऑरिगैनो के बीज बेच रहा है. खेती की जानकारी से पहले हम आप एनएससी के ऑफर के बारे में जान लें. इसका फायदा उठाने के लिए आप एनएससी की वेबसाइट https://www.indiaseeds.com/ पर जा सकते हैं. यहां शॉप ऑनलाइन के टैब को क्लिक कर ऑरिगैनो के बीज ऑर्डर कर सकते हैं. 22 सितंबर से पहले ऑर्डर करने वालों को गिफ्ट हैंपर के तौर पर फ्री टी-शर्ट दी जा रही है.
क्या है बीज के साथ फ्री टी-शर्ट ऑफर
राष्ट्रीय बीज निगम ऑरिगेनो की बीज ऑनलाइन बेच रहा है. अगर आप ऑरिगेनो के 2 पैकेट बीज खरीदते हैं, तो आपको एक टी-शर्ट फ्री मिलेगी. यह ऑफर सिर्फ 22 सितंबर तक है. यहां से आपको बीज बाजार से कम कीमत पर मिलेंगे. इसके अलावा 2 पैकेट पर 5 फीसदी की छूट भी मिलेगी. इस तरह आपको दो पैकेट बीज और एक टी-शर्ट महज 190 रुपये में मिल जाएगी.
खेत नहीं तो घर में ही उगाएं
अगर आप किसान हैं, तो आपके लिए ऑरिगैनो की खेती दोनों हाथो में लड्डू की तरह है. अगर आप किसान नहीं हैं और सिर्फ अपनी जरूरत के लिए इसकी खेती करना चाहते हैं, तो ये आप घर में भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ गमले, मिट्टी और पानी की जरूरत होगी. जब गमलों में ऑरिगैनो के बीज लगाएं, तो गमलों को ऊपर तक मिट्टी से न भरें. गमले में बीज डालने के बाद ऊपर मिट्टी की हल्की परत बिछा दें. इसके बाद गमले की मिट्टी पूरी तरह सूखने से बचाए रखने के लिए बीच-बीच में पानी डालते रहें. करीब 3 महीने में आपके गमलों में ऑरिगैनो के पौधे तैयार हो जाएंगे.
कब होती है ऑरिगैनो की खेती
ऑरिगैनो के पौधे को सालभर कभी भी लगाया जा सकता है. हालांकि अगर आप इसकी व्यावसायिक खेती करना चाहते हैं, तो सितंबर से अक्टूबर के महीने में ही इसकी फसल लगाई जाती है. इसके अलावा अगर आप इसकी फसल ग्रीन हाउस में भी लगा सकते हैं. किसान चाहें तो इसका इस्तेमाल सह-फसली खेती (Co-Cropping) के तौर पर भी कर सकते हैं. यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है. इसके अलावा औषधीय पौधा होने की वजह से इसमें तो कीड़े और बीमारियों का डर रहता ही नहीं है. इसके साथ लगाई जाने वाली फसल के लिए भी कीट नियंत्रण का खर्चा बच जाता है. इसकी खेती के लिए सूखा, रेतीली मिट्टी अच्छी रहती है. 6 से 8 के पीएच वाली मिट्टी में यह खूब फलता-फूलता है.
तेजी से बढ़ रहा पूरी दुनिया में बाजार
पूरी दुनिया में ऑरिगैनो ऑयल का कारोबार करीब 900 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है. इसके अलावा पिज्जा-पास्ता जैसे इटैलियन व्यंजनों का पूरी दुनिया में चलन बढ़ रहा है. इस वजह से सीजनिंग के तौर पर ऑरिगैनो के इस्तेमाल में साल-दर-साल 5 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हो रही है. ऑरिगैनो सीजनिंग का ग्लोबल मार्केट 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा का है.
ऑरिगैनो स्वाद और सेहत का संगम
ऑरिगैनो का फास्टफूड से लेकर आम लोगों के घरों में रोजमर्रा का खाना पकाने में तो इस्तेमाल होता ही है. इसके अलावा यह एक औषधीय गुणों वाला पौधा है. ऐसे में इसका इस्तेमाल कई तरह की पारंपरिक और थैरेप्टिक दवाएं बनाने में भी होता है. पारंपरिक रूप से इसका इस्तेमाल ठंड और पेट से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है. एंटीऑक्सीडेंट एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के चलते इसका थैरेप्टिक इस्तेमाल भी किया जाता है. पेट की चर्बी घटाने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने, पाचन सुधारने, शरीर के अंदरूनी हिस्सों में सूजन उतारने के लिए किया जाता है.
कितना मुनाफा संभव
आमतौर पर ऑरिगैनो की खेती में सभी तरह के खर्च निकालने के बाद प्रति एकड़ 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है. इसे सबसे ज्यादा आय देने वाली फसलों में शामिल किया जाता है.