राजस्थान सरकार ने शुरू की शानदार योजना, 18 हजार किसानों को मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी

लगातार रासायनिक खादों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है. इससे पैदावार में गिरावट भी आ रही है. ऐसे में जैविक खेती ही मात्र एक विकल्प बचा है. यही वजह है कि राजस्थान सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक खास योजना शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी.

राजस्थान के किसान अब करेंगे जैविक खेती. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: tv9

राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य है. यह पर 70 फीसदी से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है. यहां पर किसान गेहूं, सरसों, मक्का, बाजरा और चना सहित कई तरह की फसलों की खेती करते हैं. इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खादों का भी जमकर इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार ने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने का मन बनाया है. इसके लिए उसने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को जैविक खाद बनाने के लिए यूनिट लगाने पर बंपर सब्सिडी मिलेगी.

राजस्थान सरकार ने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ की शुरुआत राज्य में जैविक खेती के रकबे को बढ़ावा देने के लिए की है. इस योजना का मुख्य उदेश्य किसानों की निर्भरता को रासायनिक उर्वरकों पर कम करना है. ताकि, किसान जैविक खाद के इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा कर सकें. राज्य सरकार का मानना है कि रासायनिक खादों के लागातर प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो गई है. ऐसे में जमीन की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए जैविक खाद का बढ़ावा देना ही एक मात्र विकल्प बचा है. इसके लिए मार्केट में जैविक खाद की उपलब्धता भी होनी चाहिए. यही वजह है कि राजस्थान सरकार ने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ की शुरुआत की है.

18 हजार किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

इस योजना का मकसद जैविक खादों को बढ़ावा देना है. इसके लिए राजस्थान सरकार किसानों को खेत में वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट लगाने पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है. खास बात यह है कि इस योजना के तहत हर ब्लॉक से 50 किसानों को चयन किया जाएगा. इस तरह पूरे प्रदेश में 18 हजार किसान सब्सिडी योजना का लाभ उठा सकते हैं. यानी ये किसान सब्सिडी के पैसे से अपने खेत में जैविक खाद बनाने के लिए यूनिट लगा सकते हैं. दरअसल, राज्य सरकार केमिकल फ्री खेती को अपनाना चाहती है. अगर किसान जैविक विधि से खेती करेंगे, तो मिट्टी के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा. साथ ही किसानों की कमाई में बढ़ोतरी होगी.

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किसको मिलेगा योजना का लाभ

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