सरकार ने 10,700 करोड़ की इक्विटी पूंजी को मंजूरी दी मंजूरी, कृषि सेक्टर में सुधार की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 10, 700 करोड़ की इक्विटी पूंजी को मंजूरी दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से कृषि सेक्टर में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 10,700 करोड़ की इक्विटी पूंजी को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार ने बुधवार को फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में वर्किंग कैपिटल के लिए इक्विटी पूंजी डालने का फैसला किया है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से कृषि सेक्टर में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी. सरकार के इस फैसले से एफसीआई को फूड स्टॉक मैनेज करने में भी आसानी होगी.
केंद्र सरकार ने वर्किंग वर्किंग कैपिटल के लिए FCI में इक्विटी पूंजी डालने का जो फैसला लिया लिया है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है. दरअसल, एफसीआई MSP पर अनाज खरीदने, स्टॉक का रखरखाव करने और नेशनल फूड सिक्योरिटी में प्रमुख भूमिका निभाता है. सरकार के इस फैसले से एफसीआई को मदद मिलेगी, जिससे कृषि अर्थव्यवस्था में भी सुधार होने की गुंजाइश है. सरकार की ओर से बयान जारी कर कहा कि यह फैसला किसानों की आमदनी सुधारने के लिए लिया गया है.
फूड संरक्षण में FCI निभाता है प्रमुख भूमिका
FCI की स्थापना सन 1964 में हुई थी. इसकी स्थापना के बाद से ही देश में अनाज के स्टोरेज में काफी बढ़ोतरी देखी गई. शुरू में इसकी शुरुआत 100 करोड़ के कैपिटल और 4 करोड़ की इक्विटी के साथ हुई थी. जो कि साल दर साल बढ़ती गई. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इसकी इक्विटी 10,157 करोड़ रुपये थे, जिसे इस साल बढ़ाकर 10,700 करोड़ रुपये कर दिया है.
सरकार के मुताबिक, एफसीआई की फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जाता है. इसका लक्ष्य यही है कि एफसीआई पर कम से कम बोझ आए और वह अपना काम सही तरीके से कर सके. क्योंकि अगर FCI सही तरीके काम करेगा. तो किसानों की आमदमी, कृषि अर्थव्यवस्था में अपने आप सुधार होगा.