आटे की कीमत में जल्द आएगी गिरावट, महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने तैयार किया प्लान
गेहूं का दैनिक औसत खुदरा मूल्य 32 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है. आटा मिलर्स पिछले कई महीनों से सरकार से खुले बाजार में गेहूं बेचने की मांग कर रहे हैं. 16 नवंबर तक एफसीआई के पास 10770857 टन गेहूं का स्टॉक था.
आटे की लगातार बढ़ती कीमत से आम आदमी के किचन का बजट बिगड़ गया है. महंगाई का आलम यह है कि रिटेल मार्केट खुला आटा 40 से 45 रुपये किलोग्राम बिक रहा है. लेकिन अब आटा की बढ़ती कीमतों पर जल्द ब्रेक लग सकता है. इसके लिए केंद्र सरकार ने शानदार प्लान बनाया है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से ओपन मार्केट में गेहूं जारी करेगी. सरकार को इससे गेहूं की कीमत में गिरावट आने की उम्मीद है. जब गेहूं सस्ता होगा, तो आटे की भी कीमत कम हो जाएगी.
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार 31 मार्च 2025 तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अपने बफर स्टॉक से आटा मिलर्स जैसे थोक खरीदारों को खुले बाजार में 25 लाख टन गेहूं बेचेगी. इस कदम का उद्देश्य अगले कुछ दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी की किसी भी संभावना को रोकना है. पिछले साल, एफसीआई ने जून से खुले बाजार में बिक्री अभियान शुरू किया था और थोक खरीदारों के लिए रिकॉर्ड 100 लाख टन गेहूं बेचा था.
मार्केट में गेहूं का खुदरा रेट
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं का दैनिक औसत खुदरा मूल्य 32 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है. आटा मिलर्स पिछले कई महीनों से सरकार से खुले बाजार में गेहूं बेचने की मांग कर रहे हैं. 16 नवंबर तक एफसीआई के पास 10770857 टन गेहूं का स्टॉक था. सरकार को उम्मीद है कि बफर स्टॉक से गेहूं जारी करने पर रिटेल मार्केट में इसकी सप्लाई बढ़ जाएगी. ऐसे में आटे और गेहूं की कीमतों में गिरावट आएगी.
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इस साल इतनी हुई गेहूं की खरीद
बता दें कि इस साल गेहूं खरीद 30 जून को बंद हुई थी, जिसमें 1 अप्रैल से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा 260 लाख टन से अधिक की खरीद की गई. हालांकि यह खरीद सरकार द्वारा निर्धारित 37.3 मिलियन टन लक्ष्य से कम है, लेकिन यह 300 लाख टन तक भी नहीं पहुंच सकी, क्योंकि निजी व्यापारियों ने 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत पर खरीद की. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन 112.92 मिलियन टन होने का अनुमान था.
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