अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज बेचने पर मिलेगा भारतीय किसानों को लाभ, सरकार ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाया

भारत सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए पहले से तय न्यूनतम मूल्य सीमा को खत्म कर दिया है. इससे भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज बेचने पर अधिक लाभ मिल सकेगा.

क्यों महंगा हो रहा है प्याज. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: PTI

सरकार ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात के लिए पहले से तय न्यूनतम मूल्य सीमा को खत्म कर दिया है. भारत सरकार ऐसा इसलिए कर रही ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की अधिकता का लाभ भारतीय किसानों को मिल सके. सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के रूप में 550 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तय किया था, जिसका मतलब था कि किसान इस दर से कम पर अपनी उपज विदेश में नहीं बेच सकते थे.

भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी डीजीएफटी अधिसूचना ने तत्काल प्रभाव से एमईपी हटा दिया. यह कदम महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया है, जो प्याज का प्रमुख उत्पादक राज्य है. इस कदम से कमोडिटी के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, “प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है.”

इससे पहले 5 सितंबर को सरकार ने लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए प्याज की कीमतों को कम करने का फैसला लिया था. केंद्र सरकार ने 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचने का ऐलान कर दिया था. जबकि इसकी खरीद लागत करीब 28 रुपये है. इस बार प्याज का बफर स्टॉक अधिक है. इसलिए सरकार दिवाली तक कम कीमतों पर प्याज बेचने के लिए तैयार है.

केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए 35 रुपये किलो पर प्याज की खुदरा बिक्री शुरू कर दी है. सरकार की ओर से 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक तैयार है. एनसीसीएफ और नैफेड अपने स्टोर और मोबाइल वैन के जरिए खुदरा बिक्री करेंगे. दिल्ली-एनसीआर और मुंबई के परेल और मलाड में 38 खुदरा दुकानों पर प्याज बेचा जाएगा.