फूलों से लद जाएगा गमले में लगा गुड़हल का पौधा, आलू से ऐसे करें ट्रीटमेंट
गुड़हल का फूल औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. इसका इस्तेमाल कई तरह की दवाइयां बनाने में किया जाता है. ऐसे पूरी दुनिया में गुड़हल की 200 से ज्यादा प्रजातियां हैं. लेकिन भारत में लाल गुड़हल की सबसे ज्यादा खेती की जाती है. पूजा में भी इसका ही इस्तेमाल होता है.
देश में टेरेस फार्मिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अब लोग घरों की छतों पर हरी सब्जियों के अलावा गमले में फूल भी उगा रहे हैं. ऐसे में लोगों को पूजा-पाठ करने के लिए मार्केट से फूल नहीं खरीदना पड़ रहा है. इससे पैसों की बचत हो रही है. साथ ही भगवान की मूर्ति पर चढ़ाने के लिए ताजे फूल भी मिल रहे हैं. अगर आपने अपने घर में गुड़हल का पौधा लगाया है और समय पर फूल नहीं आ रहे हैं, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे, जिनका इस्तेमाल करने पर पौधे फूल से लद जाएंगे.
दरअसल, हर किसी के किचन में सब्जी बनाने के लिए आलू का इस्तेमाल होता है. अधिकांश लोग आलू से छिलका उतारने के बाद उसे कचरे के डब्बे में रखकर घर से बाहर फेंक देते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि यह आलू का छिलका फूल के पौधों के लिए किसी वरदान से कम नही है. अगर आलू के छिलके को लिक्विड में बदलकर खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं, गुड़हल के पौधों का विकास तेजी से होता है. इससे पौधों पर फूल तेजी से आते हैं.
इस तरह तैयार करें आलू का पेस्ट
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट का कहना है कि आलू के छिलके के अलावा डायरेक्ट आलू को भी खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आलू को पहले लिक्विड फॉम में बदलना होगा. आप आलू को लिक्विड फॉम में बदलने के लिए मिक्सर ग्राइंडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आप चाहें, तो मिक्सर ग्राइंडर में पीसकर आलू का पेस्ट बना लें. फिर इस पेस्ट में उसकी मात्रा से करीब 5 गुना अधिक पानी मिला दें और घोल तैयार कर लें. इसके बाद आप इस घोल को गुड़हल के पौधों की जड़ों के पास डालें. ऐसे करने से पौधे बहुत कम दिनों में ही फूल से लद जाएंगे.
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कितने दिनों पर करें आलू फर्टिलाइजर का इस्तेमाल
आलू के पेस्ट से बने घोल में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है. इसके चलते पौधों की जड़ों का विकास तेजी से होता है और पोधे फूलों से लद जाते हैं. खास बात यह है कि आलू से बने लिक्विड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल लिमिट से ज्यादा नहीं करना है. इससे पौधों को नुकसान भी पहुंच सकता है. आपको महीने में एक बार ही घोल को पौधों की जड़ों में डालना होगा. अगर आप आज पौधों की रोपाई करते हैं, तो करीब एक महीना पूरा होने पर ही जड़ों में आलू का घोल डालें. फिर दूसरी बार 45 दिन और तीसरी बार 100 दिन के बाद डालें. इससे पौधों का विकास तेजी होता है और फूल भी जल्द आते हैं.
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