कैसे होती है गुलाब की खेती, जानें मिट्टी से लेकर मौसम का हाल और कमाई का मीटर

सिर्फ एक लाख रुपये के निवेश से 7 से 8 लाख रुपये का लाभ देती है गुलाब की खेती. आइए जानते हैं इसकी खेती का तरीका, इसे उगाने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और यह कितनी पैदावार देती है.

गुलाब की खेती Image Credit: FREEPIK

Rose Flower Cultivation: फरवरी का महीना आते ही हवा में गुलाब की खुशबू घुलने लगती है. मेट्रो स्टेशन हो या बस स्टॉप, सड़कों के किनारे गुलाब के गहरे लाल, हल्के गुलाबी और सुनहरे पीले रंग की बिछी चादर नजर आने लगती है. कठोर और मटमैले हाथों में थामे ये खूबसूरत फूल हमें इसे खरीदने के लिए मजबूर कर देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये गुलाब आखिर इतने बड़े शहरों तक पहुंचते कैसे हैं? कौन है वो किसान, जो इन्हें अपने खेतों में उगाकर बाज़ार तक लाता है? और क्या उसे वाकई इस मेहनत का सही मोल मिलता है?

गुलाब के खेतों से बाजार तक का सफर

भारत में राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती होती है. यह सिर्फ एक फूल नहीं, बल्कि एक कमर्शियल फसल है, जो किसानों के लिए एक अच्छी कमाई का जरिया बनती है. गुलाब की खेती के लिए किसान दो मुख्य तरीके अपनाते हैं, जिसमें शामिल है.

नर्सरी विधि- जहां बीज से पौधे तैयार किए जाते हैं.

कलम विधि -जहां पहले से उगे पौधे की शाखाओं से नए पौधे बनाए जाते हैं.

इन दोनों विधियों में से किसी भी विधि को अपनाकर आप इसकी खेती कर सकते हैं. गुलाब की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टियों में की जा सकती है, लेकिन दोमट, बलुआर दोमट या मटियार दोमट मिट्टी जिसमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा में हो, उसमें सबसे अच्छा उत्पादन होता है. जनवरी और फरवरी गुलाब की कलम लगाने का सबसे अच्छा समय होता है. लेकिन अगर मिट्टी उपयुक्त न हो, पानी की मात्रा सही न हो, या कीटों का प्रकोप हो जाए, तो पूरी फसल खराब हो सकती है.

फोटो क्रेडिट- FREEPIK

मोटी कमाई

एक हेक्टेयर खेत में गुलाब की खेती करने पर 1 लाख रुपये की शुरुआती लागत आती है, लेकिन साल भर में ही इसी उपज से आपको करीब 6 से 7 लाख रुपये का नेट प्रॉफिट मिल सकता है.

कैसे होती है गुलाब की खेती?

गुलाब को छह घंटे की धूप और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. खेत तैयार करने से पहले किसान उसमें जैविक खाद डालते हैं, जिससे पौधों को पोषण मिलता है. गर्मी में गुलाब के पौधों को हर दूसरे दिन पानी देना पड़ता है, जबकि सर्दियों में यह अंतराल 5-10 दिन का होता है. अगर पानी ज्यादा हो जाए, तो पौधे गल सकते हैं. अगर कम हो, तो फूल मुरझा सकते हैं. यही कारण है कि गुलाब की खेती को बारीक देखभाल की जरूरत होती है.

फोटो क्रेडिट- FREEPIK

गुलाब की प्रमुख किस्में

गुलाब की विभिन्न किस्में होती हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं, सोनिया, स्वीट हार्ट, सुपर स्टार, सान्द्रा, हैपीनेस, गोल्डमेडल, मनीपौल, बेन्जामिन पौल, अमेरिकन होम, गलैडिएटर, किस ऑफ फायर, क्रिमसन ग्लोरी . हालांकि भारत में पूसा सोनिया, प्रियदर्शनी, प्रेमा, मोहनी, बंजारन, डेल्ही प्रिसेंज की किस्में ज्यादा फेमस है.

खाद एवं उर्वरक

गुलाब के नए पौधों को रोपने से पहले प्रत्येक गड्ढे में आधा भाग मिट्टी और आधा भाग सड़ा हुआ गोबर खाद मिलाएं. पौधे के बढ़ने के साथ, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा दें. फूलों की चमक बढ़ाने के लिए मैग्नीशियम सल्फेट, फेरस सल्फेट और बोरेक्स का मिश्रण छिड़कें. इस फसल के लिए एक खास बात जिसे ध्यान देने की जरूरत होती है वो है प्रूनिंग यानी की कटाई छंटाई. इसे हर हफ्ते कटाई छटाई की जरूरत होती है.

इसे भी पढ़ें- बैंगन की खेती बनाएगी लखपति, 8 महीने में कमाएं 8 लाख रुपये, जानिए वो खास तरीका