IMD Alert: अप्रैल में इतने दिनों तक चलेगी लू, देर से बोई गई गेहूं पर दिखेगा अजीबोगरीब असर
इस साल भारत में अधिक गर्मी और लू के ज्यादा दिन रहने की संभावना है. देर से बोई गई गेहूं की फसल पर गर्मी और लू का असर देखने को मिल सकता है. IMD ने कहा है कि बिजली की मांग में 9-10 फीसदी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि गर्मी और लू का प्रभाव बढ़ने वाला है.

Heat Wave: देश में इस साल गर्मी ज्यादा पड़ने की संभावना है. अप्रैल से जून के बीच अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकते हैं. मध्य, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में लू (हीटवेव) के ज्यादा दिन रहने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इसके बावजूद भी भीषण गर्मी का असर खेतों में खड़ी रबी फसल पर बहुत ज्यादा नहीं पड़ेगा, क्योंकि ज्यादातर मुख्य फसलें पहले ही कट चुकी हैं.
हालांकि, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में देर से बोई गई गेहूं की फसल को अधिक तापमान के कारण नमी की कमी का सामना करना पड़ सकता है. आईएडी के मुताबिक, अगर इस साल गर्मी ज्यादा बढ़ी, तो जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों पर असर पड़ सकता है. IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अप्रैल-जून के दौरान भारत में आमतौर पर 4 से 7 दिन लू (हीटवेव) चलती है, लेकिन इस साल यह 2 से 4 दिन ज्यादा हो सकती है और पूर्वी भारत में 10 दिन तक पहुंच सकती है.
अप्रैल में 6 दिनों तक चलेगी लू
महापात्रा के अनुसार, आमतौर पर अप्रैल में 1 से 3 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 3 से 6 दिन लू पड़ने की संभावना है. राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक व तमिलनाडु के उत्तरी हिस्सों में सामान्य से अधिक लू पड़ सकती है. मौसम विभाग ने कहा कि एल निनो-साउदर्न ऑस्सीलेशन (ENSO) अगले तीन महीने और मॉनसून सीजन के दौरान “न्यूट्रल” रहेगा, यानी एल निनो के बनने का कोई मौका नहीं है.
मॉनसून के दौरान IOD रहेगा न्यूट्रल
महापात्रा ने कहा कि भारतीय महासागर डाइपोल (IOD) भी मॉनसून के दौरान “न्यूट्रल” रहने की संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि IMD 2025 के मॉनसून के लिए अपना पहला लंबी अवधि का पूर्वानुमान अप्रैल के मध्य में जारी करेगा, जिसमें मॉनसून के बारे में भविष्यवाणियां दी जाएंगी. वहीं, अप्रैल के महीने के लिए IMD ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक और न्यूनतम तापमान रहने की उम्मीद है.
सामान्य से अधिक होगी बारिश
IMD ने कहा कि अप्रैल में उत्तर-पश्चिमी भारत, पश्चिम-मध्य भारत, दक्षिणी भारत और उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. वहीं, देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. 1971-2020 के डेटा के आधार पर, उत्तर भारत और पूरे देश में अप्रैल महीने की बारिश का औसत 39.2 मिलीमीटर है.
बिजली की मांग में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि
महापात्रा ने कहा कि मार्च 2025 में भारत का अधिकतम तापमान 1901 के बाद 14वां सबसे उच्चतम था, जबकि न्यूनतम तापमान 12वां सबसे उच्चतम था, और औसत तापमान 11वां सबसे उच्चतम था. वहीं, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस गर्मी में भारत को बिजली की मांग में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि देश में अधिक लू के दिन पड़ने की संभावना है. पिछले साल, भारत की चरम बिजली मांग 30 मई को 250 गीगावाट को पार कर गई, जो पूर्वानुमान से 6.3 प्रतिशत अधिक थी. जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न गर्मी का दबाव बिजली की मांग बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारण बना हुआ है.
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