सरकार का बड़ा फैसला, पहली बार दालों के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग…बिहार सहित इन राज्यों में लागू
केंद्र सरकार ने दलहनी फसलों की खेती के बढ़ाना देने के लिए, बिहार सहित देश के कई राज्यों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने का फैसला लिया है. यह दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए की गई पहली कॉन्ट्रैक्ट डील है.
केंद्र सरकार ने पहली बार दालों की कॉन्ट्रैक्ट खेती करने के लिए कई राज्यों के साथ डील की है. सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए और दाल की पैदावार को बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया है. तमिलनाडु, बिहार, झारखंड और गुजरात में करीब 1,500 हेक्टेयर जमीन पर दाल उपजाने के लिए किसानों के साथ समझौता किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से दालों की पैदावार में बढ़ोतरी आएगी. साथ ही इन राज्यों के और भी किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि ये देश के वे राज्य हैं, जहां दाल का उत्पादन कम होता है. सरकार ने इस डील को पायलट डील नाम दिया है जो कि दाल उत्पादन के लिए की गई पहली कॉन्ट्रैक्ट डील है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि सरकार की इस पायलट डील का उद्देश्य दाल के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है. और इसके लिए उन राज्यों को चुना गया है, जहां दाल की पैदावार कम होती है. इस डील के वहां भी दाल की खेती के लिए लोग प्रोत्साहित होंगे. इसके लिए किसानों और सरकार के बीच बात हुई है.
बफर स्टॉक को बढ़ाने की है योजना
सरकार ने दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर कदम बढ़ाया है. नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया ने किसानों से यह डील की है. इस डील के मुताबिक, किसानों को तूर और मसूर की खेती करने के लिए कहा गया है. किसान जो भी दाल की फसल उगाएंगे. उन फसलों को NCCF सरकार के बफर स्टॉक के लिए एमएसपी पर खरीदेगा. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के सरकार के बफर स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं हुई है. सरकार अपने स्टॉक को बढ़ाने के लिए ही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को शुरू कर रही है. एक सरकारी ऑफिसर ने बताया कि हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में दाल के स्टॉक में बढ़ोतरी होगी और हम आगे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ाने के बारे में विचार कर रहे हैं.