दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक देश, फिर भी क्यों बढ़ रही कीमतें?

अगर अंडे की खपत की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे ज्यादा है. आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति साल में 501 अंडे खा जाता है. जबकि तेलंगाना में यह आंकड़ा 442 अंडा है. वहीं, उत्तर प्रदेश में रोज 2.50 करोड़ अंडे की खपत है, लेकिन यह राज्य प्रतिदिन 1.60 करोड़ अंडों का ही उत्पादन करता है.

सर्दी आते ही क्यों महंगा हो जाता है अंडा. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: tv9

भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक देश है. फिर भी हर साल सर्दी के दस्तक के साथ ही अंडे की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो जाती है. अभी मुंबई में अंडा कुछ ज्यादा ही महंगा बिक रहा है. लोगों को एक दर्जन अंडा खरीदने के लिए 100 से 108 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. लगभग यही हाल बिहार में भी है. यहां के भागलपुर में नवंबर से ही अंडा महंगा है. महंगाई का आलम यह है कि भागलपुर में एक ट्रे अंडी की कीमत बढ़कर 210 रुपये हो गई है. हालांकि, फिलहाल अंडे की कीमतों में गिरावट की कोई उम्मीद नहीं है. ऐसे में आज हम जानेंगे कि आखिर सर्दी के मौसम आते ही हर साल अंडा क्यों महंगा हो जाता है. साथ ही देश के किस राज्य में अंडे का सबसे अधिक उत्पादन और खपत है.

पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दी के मौसम आते ही अंडे की मांग बढ़ जाती है. इससे डिमांड और सप्लाई में अंतर आने की वजह से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो जाती है. हालांकि, जनवरी का महीना गुजरते ही अंडा फिर से सस्ता होने लगता है. कहा जा रहा है कि अभी मुंबई में अंडे की कमी हो गई है. डिमांड के मुताबिक, मार्केट में अंडे की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इससे आने वाल दिनों में कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है.

कोरोना के बाद बढ़ी मांग

हालांकि, पोल्ट्री एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि कोरोना काल के बाद से देश में अंडे की डिमांड बढ़ गई है. करोना से पहले जहां सलाना प्रति व्यक्ति 95 अंडे की खपत थी, वह अब बढ़कर 103 हो गई है. एक्सपर्ट के मुताबिक, 7 से 8 अंडे खाने पर शरीर को जितना प्रोटी मिलता है, उतना किसी दूसरे फूड सप्लीमेंट में नहीं होता है. इसलिए भी करोना काल के बाद से अंडे की डिमांड बढ़ रही है. खास बात यह है कि पिछले कुछ सालों से देश में अंडे का उत्पादन तेजी से बढ़ा है.

इस साल 14240 करोड़ अंडे का उत्पादन

केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने अंडा उत्पादन को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अंडा उत्पादन में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है. साल 2022-23 में 13800 करोड़ अंडों का प्रोडक्शन किया गया. जबकि इस साल 14240 करोड़ अंडे का उत्पादन हुआ. यानी साल 2023-24 में 440 करोड़ ज्यादा अंडों का उत्पादन हुआ है. बड़ी बात यह है कि इसमें कमर्शियल और बैकयार्ड पोल्ट्री दोनों ही शामिल हैं. मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 12077 करोड़ अंडों का उत्पादन कमर्शियल पोल्ट्री में हुआ है. जबकि बैकयार्ड पोल्ट्री ने 2200 करोड़ अंडा उत्पादित किया गया.

टॉप 5 अंडा उत्पादक राज्य

अगर अंडा उत्पादन में टॉप 5 राज्यों की बात करें, तो आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर है. आंध प्रदेश अकेले देश में 17.85 फीसदी अंडा उत्पादित करता है. इसके बाद तमिलनाडु का नंबर आता है. तमिलनाडु अंडा उत्पादन में 15.64 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है. इसी तरह तेलंगाना 12.88 प्रतिशत उत्पादन के साथ तीसरे स्थान पर काबिज है. जबकि पश्चिम बंगाल 11.37 फीसदी प्रोडक्शन के साथ चौथे स्थान पर खड़ा है. वहीं, कर्नाटक 6.63 फीसदी अंडे का उत्पादन करता है और ये पांचवे स्थान पर है. बड़ी बात ये है कि ये पांचों राज्य कुल उत्पादित अंडे में 64.37 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं.

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विदेशों में भी अंडे का निर्यात

अगर निर्यात की बात करें, तो तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगना सबसे अधिक अंडे का निर्यात करते हैं. ये नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में सबसे अधिक अंडे की सप्लाई करते हैं. इसके अलावा भारत दूसरे देशों को भी अंडा बेचता था. मलेशिया, श्रीलंका और खाड़ी के कई देश अंडे के सबसे बड़े खरीदार हैं. इन देशों में अंडे की सप्लाई करने से रिटेल मार्केट में इसकी कीमतों पर असर पड़ता. एक्सपर्ट का कहना है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत में अंडा सस्ता है, क्योंकि यहां पर पोल्ट्री फीड सस्ती है.

यहां अंडे की सबसे अधिक खपत

अगर अंडे की खपत की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे ज्यादा है. आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति साल में 501 अंडे खा जाता है. जबकि तेलंगाना में यह आंकड़ा 442 अंडा है. वहीं, उत्तर प्रदेश में रोज 2.50 करोड़ अंडे की खपत है, लेकिन यह राज्य प्रतिदिन 1.60 करोड़ अंडों का ही उत्पादन करता है. वहीं, बिहार अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए 50 फीसदी अंडा दूसरे राज्यों से निर्यात करता है.

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