महीने में 30000 रुपये की कमाई करवाएगी ये भैंस, रोज 20 लीटर तक दे सकती है दूध

इस नस्ल की भैंस को चलता- फिरता ATM कहा जाता है. यानी यह बहुत अधिक दूध देती है. अगर किसान इसका पालन करते हैं, तो अच्छी कमाई होगी.

जाफराबादी भैंस का पालन अब बिहार और उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: tv9

देश में पशुपालन का चलन तेजी से बढ़ रहा है. गांव से लेकर शहरों तक में लोग पशुपालन कर रहे हैं. दूध, दही, घी और पनीर बेचकर पशुपालकों को अच्छी कमाई हो रही है. वहीं, केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी पशुपालन को बढ़ावा दे रही हैं. इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी बहुत से पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग में फायदा नहीं हो रहा है. क्योंकि उन्हें पशुओं की उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी नहीं है. अगर ये किसान बेहतरीन नस्लों की गाय-भैंस का पालन करेंगे, तो डेयरी बिजनेस में सिर्फ फायदा ही फायदा होगा. ऐसे में आज हम भैंस की एक ऐसी उन्नत नस्ल के बारे में चर्चा करेंगे, जिसे किसानों के लिए ATM कहा जाता है. यानी इस नस्ल की भैंस इतना अधिक दूध देती है कि पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग से अच्छी कमाई होती है.

दरअसल, हम जिस भैंस के बारे में बात करने जा रहे हैं, वह जाफराबादी नस्ल है. इस नस्ल की भैंस बंपर दूध देने के लिए जानी जाती है. अगर किसान इस नस्ल की भैंस का पालन करते हैं, तो वे दूध बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस नस्ल की भैंस के दूध की मांग भी मार्केट में ज्यादा है, क्योंकि दूध में फैट की मात्रा अधिक होती है. ऐसे जाफराबादी नस्ल की भैंस का मूल स्थान गुजरात का सौराष्ट्र है. लेकिन अब इसका पालन पूरे देश में किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार में भी किसानों ने इसका पालन शुरू कर दिया है. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है.

रोजाना देती है 16 लीटर तक दूध

एक्सपर्ट के मुताबिक, जाफराबादी नस्ल की भैंस रोजाना 15 से 16 लीटर तक दूध देती है. अगर इससे अच्छी तरह से चारा और दाना दिया जाए, तो यह 20 से 21 लीटर तक दूध दे सकती है. ऐसे अभी मार्केट में दूध 60 रुपये किलो बिक रहा है. अगर किसान जाफराबादी नस्ल की एक भैंस का भी पालन करते हैं, तो वे रोज 60 रुपये के हिसाब से कम से कम 15 लीटर दूध बेच कर 900 रुपये की कमाई कर सकते हैं. इस तरह वे महीने में जाफराबादी नस्ल की एक भैंस से 27 हजार रुपये मिनिमम कमा सकते हैं. अगर किसान भैंस को अच्छी तरह से आहार देते हैं, तो महीने में 30 हजार रुपये से भी ज्यादा की कमाई हो सकती है.

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क्यों पड़ा जाफराबादी नाम

ऐसे गुजरात के भावनगर, अमरेली, राजकोट, जूनागढ़, पोरबंदर और जामनगर जिले में जाफराबादी नस्ल की भैंस का बड़े स्तर पर पालन किया जाता है. कहा जाता है कि अमरेली जिले के जाफराबाद क्षेत्र के नाम पर ही इस भैंस की नस्ल का नाम जाफराबादी रखा गया. इस नस्ल की भैंस एक ब्यांत में 3000 लीटर तक दूध देती है. जाफराबादी भैंस सामान्य नस्ल की भैंस के मुकाबले ज्यादा वजन की होती है. इसका वजन 750 किलो से 1 टन के बीच होता है. इसके चलते इसे बाहुबली के नाम से भी जाना जाता है.

एक भैंस की इतनी होती है कीमत

जाफराबादी भैंस के सींग लंबे और घुमावदार होते हैं. इस नस्ल की एक भैंस की कीमत 80 हजार रुपये से डेढ़ लाख रुपये के बीच होती है. अगर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के किसान इस नस्ल की भैंस का पालन करते हैं, तो उन्हें घर बैठे बंपर कमाई होगी.

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