खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत में भारी तादात में जुटे किसान, डल्लेवाल ने युवाओं से की ये अपील

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डल्लेवाल की जान महत्वपूर्ण है. मैंने उस दिन कहा था माननीय सुप्रीम कोर्ट, मैं भी इंसान हूं, लेकिन उन 7 लाख किसानों के परिवारों का क्या जिन्होंने आत्महत्या की है.

खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत का आयोजन. Image Credit: tv9

खनौरी बॉर्डर पर पिछले 40 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को डॉक्टरों की देखरेख में ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित किया. अपने 11 मिनट के संबोधन के दौरान डल्लेवाल ने किसानों से अपील की कि वे अपने राज्यों में एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का डटकर मुकाबला करें. ताकि केंद्र को यह संदेश दिया जा सके कि यह अकेले पंजाब की लड़ाई नहीं है. खास बात यह है कि इस महापंचायत में शामिल होने के लिए काफी संख्या में किसान जुटे थे.

पीटीआई के मुताबिक, महापंचायत को संबोधित करते हुए जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि देश में 7 लाख किसानों ने आत्महत्या की है और वह जानते हैं कि उनके परिवारों को क्या-क्या सहना पड़ता है. 70 वर्षीय किसान नेता को स्ट्रेचर पर लाया गया और उन्होंने विरोध स्थल पर एक मंच से बिस्तर पर लेटे हुए किसानों की सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अब पंजाब फिर सबसे आगे है. मैं अन्य राज्यों के संगठनों से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वे अपने राज्यों में आंदोलन का डटकर मुकाबला करें और केंद्र सरकार को संदेश दें कि यह आंदोलन केवल पंजाब का नहीं, बल्कि पूरे देश का है. क्योंकि पूरे देश को एमएसपी की जरूरत है. उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि जिस तरह से आप आज बड़ी संख्या में आए हैं. अब हर गांव से एक ट्रॉली खनौरी पहुंचकर इस मोर्चे को मजबूत करें.

युवा पहुंचे खरौनी बॉर्डर

किसान नेता ने कहा कि जिस रात हमें सूचना मिली कि पुलिस हमें बेदखल कर सकती है, उसी रात पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में युवा खनौरी पहुंचे और मोर्चे की कमान संभाली. पंजाब सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि उसका डल्लेवाल को मौजूदा आंदोलन स्थल से जबरन हटाने का कोई इरादा नहीं है.

मोर्चा को हरा नहीं सकते

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम मोर्चा जीतेंगे. सरकार चाहे जितना बल प्रयोग करने की कोशिश करे, लेकिन वे मोर्चा को हरा नहीं सकते. उन्होंने कहा कि देश में सात लाख किसानों ने आत्महत्या की है. अगर हम बैठकर सोचेंगे कि यह एक कठिन काम है, तो यह हासिल नहीं होगा, क्या हमें उन्हें मरने देना चाहिए. हम किसान नेता हैं, हमारे कई साथी किसान नेता हैं. डल्लेवाल ने कहा कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं है, लेकिन लड़ाई तो लड़नी ही होगी, ताकि कोई किसान आत्महत्या न करे.

26 नवंबर को शुरू किया था अनशन

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल ने शनिवार को अपने लंबे उपवास के बावजूद अब तक कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई है. पिछले कुछ दिनों के दौरान डल्लेवाल ने छोटे वीडियो संदेशों के माध्यम से किसानों को संबोधित किया था, लेकिन 26 नवंबर को अपना उपवास शुरू करने के कई दिनों बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी. डल्लेवाल ने कहा कि जब हम दिल्ली (2020-21 के आंदोलन के बाद सीमाओं) से लौटे थे, तो अन्य राज्यों के किसान नेताओं ने कहा था कि पंजाब तीन कानूनों को निरस्त करने के बाद वापस जा रहा है. हमने उनसे कहा था कि पंजाब किसी को धोखा नहीं दे सकता.