फरवरी में डबल हो जाएगी किन्नू की कीमत, इस राज्य के किसानों की होगी बंपर कमाई
राज्य में किन्नू की खेती का कुल क्षेत्रफल करीब 40,000 हेक्टेयर है. इस साल पैदावार में भारी गिरावट आई है, क्योंकि मार्च में मौसम गर्म था और इस महीने बारिश भी नहीं हुई. फल व्यापारी राजिंदर शर्मा ने कहा कि नहर बंद होने से बागवानों को ट्यूबवेल से फसलों की सिंचाई करनी पड़ी, जिससे उन्हें पेड़ों को बचाने में मदद मिली.
किन्नू की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. कहा जा रहा है कि खुदरा बाजार में 50 रुपये किलो बिकने वाला किन्नू अगले साल फरवरी में 100 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है. इसकी वजह यह है कि इस साल फलों की पैदावार पिछले साल के मुकाबले लगभग आधी है. पिछले साल खुदरा बाजार में किन्नू का सबसे अधिक भाव 50 रुपये प्रति किलो था. हालांकि बाजार में अभी भी किन्नू उपलब्ध है, लेकिन दिसंबर के अंत तक इसका सबसे अच्छा फल बाजार में आ जाएगा. ऐसे किन्नू मुख्य रूप से पंजाब के फाजिल्का, मुक्तसर और होशियारपुर जिलों में उगाया जाता है..
एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में किन्नू की खेती का कुल क्षेत्रफल करीब 40,000 हेक्टेयर है. इस साल पैदावार में भारी गिरावट आई है, क्योंकि मार्च में मौसम गर्म था और इस महीने बारिश भी नहीं हुई. फल व्यापारी राजिंदर शर्मा ने कहा कि नहर बंद होने से बागवानों को ट्यूबवेल से फसलों की सिंचाई करनी पड़ी, जिससे उन्हें पेड़ों को बचाने में मदद मिली. लेकिन फलों की पैदावार में भारी गिरावट आई है.
इतने रुपये किलो तक बढ़ सकती है कीमत
ट्रिब्यून के मुताबिक, अबुल खुराना गांव के राज्य पुरस्कार विजेता किन्नू उत्पादक बलविंदर सिंह टिक्का ने कहा कि किसानों की अर्थव्यवस्था केवल कीमत पर नहीं, बल्कि मात्रा पर निर्भर करती है. हालांकि, इस सीजन में पैदावार औसत से काफी कम है. अगर बाग की प्रति एकड़ औसत पैदावार 150 क्विंटल है, तो इस साल उपज केवल 40 क्विंटल होगी. उन्होंने कहा कि किन्नू की शुरुआती खुदरा मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम है और फरवरी-मार्च में इसके 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ने की उम्मीद है.
किन्नू की कीमतों में भारी उछाल
इस बीच, कुछ व्यापारियों ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले किन्नू वर्तमान में थोक बाजार में 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे हैं, जबकि हरे रंग के फल 15 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह क्रमशः 12-15 रुपये और 7-8 रुपये पर बिक रहे थे .किन्नू की पैदावार आम तौर पर एक साल अधिक रहती है और अगले साल कम हो जाती है.
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किसानों की होगी बंपर कमाई
फल व्यापारी राजिंदर शर्मा ने कहा कि फाजिल्का जिले के सप्पनवाली गांव के किन्नू उत्पादक मोहित सेतिया ने कहा कि पिछले साल जलभराव, नहर बंद होने, उच्च तापमान आदि सहित कई कारणों से कई फलों के पेड़ सूख गए थे. केवल उच्च कीमतों से खर्चों की भरपाई नहीं हो सकती. इनपुट लागत बढ़ रही है, जबकि आय हर साल कम हो रही है. इस बीच, मुक्तसर के बागवानी विभाग के सहायक निदेशक सुखदेव सिंह ने कहा कि इस साल किन्नू की पैदावार कम है, लेकिन कीमतें बेहतर हैं. उत्पादकों को अच्छी कमाई होने की संभावना है.
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किन्नू की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. कहा जा रहा है कि खुदरा बाजार में 50 रुपये किलो बिकने वाला किन्नू अगले साल फरवरी में 100 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है. इसकी वजह यह है कि इस साल फलों की पैदावार पिछले साल के मुकाबले लगभग आधी है. पिछले साल खुदरा बाजार में किन्नू का सबसे अधिक भाव 50 रुपये प्रति किलो था. हालांकि बाजार में अभी भी किन्नू उपलब्ध है, लेकिन दिसंबर के अंत तक इसका सबसे अच्छा फल बाजार में आ जाएगा. ऐसे किन्नू मुख्य रूप से पंजाब के फाजिल्का, मुक्तसर और होशियारपुर जिलों में उगाया जाता है..
एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में किन्नू की खेती का कुल क्षेत्रफल करीब 40,000 हेक्टेयर है. इस साल पैदावार में भारी गिरावट आई है, क्योंकि मार्च में मौसम गर्म था और इस महीने बारिश भी नहीं हुई. फल व्यापारी राजिंदर शर्मा ने कहा कि नहर बंद होने से बागवानों को ट्यूबवेल से फसलों की सिंचाई करनी पड़ी, जिससे उन्हें पेड़ों को बचाने में मदद मिली. लेकिन फलों की पैदावार में भारी गिरावट आई है.
इतने रुपये किलो तक बढ़ सकती है कीमत
ट्रब्यून के मुताबिक, अबुल खुराना गांव के राज्य पुरस्कार विजेता किन्नू उत्पादक बलविंदर सिंह टिक्का ने कहा कि किसानों की अर्थव्यवस्था केवल कीमत पर नहीं, बल्कि मात्रा पर निर्भर करती है. हालांकि, इस सीजन में पैदावार औसत से काफी कम है. अगर बाग की प्रति एकड़ औसत पैदावार 150 क्विंटल है, तो इस साल उपज केवल 40 क्विंटल होगी. उन्होंने कहा कि किन्नू की शुरुआती खुदरा मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम है और फरवरी-मार्च में इसके 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ने की उम्मीद है.
किन्नू की कीमतों में भारी उछाल
इस बीच, कुछ व्यापारियों ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले किन्नू वर्तमान में थोक बाजार में 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे हैं, जबकि हरे रंग के फल 15 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह क्रमशः 12-15 रुपये और 7-8 रुपये पर बिक रहे थे .किन्नू की पैदावार आम तौर पर एक साल अधिक रहती है और अगले साल कम हो जाती है.
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किसानों की होगी बंपर कमाई
फल व्यापारी राजिंदर शर्मा ने कहा कि फाजिल्का जिले के सप्पनवाली गांव के किन्नू उत्पादक मोहित सेतिया ने कहा कि पिछले साल जलभराव, नहर बंद होने, उच्च तापमान आदि सहित कई कारणों से कई फलों के पेड़ सूख गए थे. केवल उच्च कीमतों से खर्चों की भरपाई नहीं हो सकती. इनपुट लागत बढ़ रही है, जबकि आय हर साल कम हो रही है. इस बीच, मुक्तसर के बागवानी विभाग के सहायक निदेशक सुखदेव सिंह ने कहा कि इस साल किन्नू की पैदावार कम है, लेकिन कीमतें बेहतर हैं. उत्पादकों को अच्छी कमाई होने की संभावना है.
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