पैदावार बढ़ाएगा KRIBHCO का नया जैव उर्वरक, जानें किन- किन फसलों में कर सकते हैं प्रयोग और कितनी है कीमत

उर्वरक सहकारी संस्था KRIBHCO(कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड) ने 'KRIBHCO राइजोसुपर' नाम का जैव उर्वरक लॉन्च किया. KRIBHCO ने सोमवार को इसको लॉन्च किया. जिसकी कीमत 500-550 रुपये प्रति एकड़ होगी. इसे चावल, गेहूं और दालों सहित विभिन्न फसलों पर शुरुआती विकास चरणों के दौरान यानी जब फसल बोई जाए तभी लगाया जा सकता है.

कृषक भारती लिमिटेड ने लॉन्च किया नया जैव उर्वरक Image Credit: Visage/Stockbyte/Getty Images

उर्वरक सहकारी संस्था KRIBHCO(कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड) ने ‘KRIBHCO राइजोसुपर’ नाम का जैव उर्वरक लॉन्च किया. KRIBCO ने सोमवार को इसको लॉन्च किया. संस्था ने  वैश्विक जैव समाधान फर्म नोवोनेसिस के साथ मिलकर इस उर्वरक को लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य आगामी सर्दियों की फसल के मौसम के लिए किसानों की मदद करना है. KRIBHCO ने बताया कि नोवोनेसिस की लिपो-चिटूलिगोसेकेराइड्स (LCO) प्रमोटर तकनीक का उपयोग करता है, जिसकी कीमत 500-550 रुपये प्रति एकड़ होगी. इसे चावल, गेहूं और दालों सहित विभिन्न फसलों पर शुरुआती विकास चरणों के दौरान लगाया जा सकता है.

जैव उर्वरक सुविधा को मजबूत करने का है लक्ष्य

KRIBHCO के प्रबंध निदेशक एम आर शर्मा ने लॉन्च के बारे में बात करते हुए कहा कि  नोवोनेसिस  के साथ साझेदारी एक नए युग की शुरुआत करेगी, जहां भारतीय किसान अत्याधुनिक कृषि-जैव समाधानों तक आसानी से पहुंच सकेंगे.
यह लॉन्च दीर्घकालिक सहयोग का हिस्सा है. जिसका मकसद KRIBHCO की जैव उर्वरक सुविधा को और मजबूत करना और इसके उत्पाद पोर्टफोलियो का आगे बढ़ाना है. इस उत्पाद का परीक्षण पूरे भारत में गेहूं, टमाटर और मिर्च पर किया गया है. KRIBHCO सालाना 20,000 टन तक उत्पादन कर सकता है और मांग बढ़ने इसमें विस्तार करने की योजना पर काम किया जा रहा है. हालांकि, भारत में जैव उर्वरकों के बारे में जागरूकता वर्तमान में कम है. फिर भी KRIBHCO का लक्ष्य आउटरीच प्रयासों को बढ़ावा देना है.

भारत में पहली बार ऐसा उर्वरक पेश किया गया- कृष्ण मोहन पुव्वाडा

नोवोनेसिस के उपाध्यक्ष कृष्ण मोहन पुव्वाडा ने कहा कि भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका क्षेत्र में पहली बार ऐसा कोई इनोवेटिव माइकोरिजल जैव उर्वरक लाया गया है. नोवोनेसिस के अनुसार, भारत में जैविक क्षेत्र ने पिछले पांच वर्षों में दोहरे अंकों की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, बाजार में पैठ 5 फीसदी से कम है. फिर भी जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संबंधी चिंताओं की बढ़ती चुनौतियों के बीच विस्तार के लिए महत्वपूर्ण गुंजाइश को दर्शाता है.