कमल उगाकर 20 लाख रुपये कमा रहा ये किसान, ऐसे बदली किस्मत

फिरोजपुर जिले की 2.1 लाख एकड़ कृषि भूमि में से लगभग 20,000 एकड़ का उपयोग अब क्रॉस-डायवर्सिफाइड फसलों के लिए किया जा रहा है. इसमें से 16,000 एकड़ का उपयोग सब्जियों और शेष फूलों आदि के लिए किया जा रहा है. जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सिमरन सिंह ने कहा कि फिरोजपुर अब राज्य का सबसे बड़ा सब्जी और मिर्च उत्पादक है.

कमल की खेती से किसान की बदली किस्मत. Image Credit: Freepik

पंजाब के फिरोजपुर जिले में किसान अब परंपरागत फसलों के बजाएं सब्जी, फल और फूलों की खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. खास बात यह है कि बागवानी की खेती करने से जिले में पराली जलाने की समस्या भी कम हो गई है. आज हम कुछ ऐसे ही किसानों के बारे में बात करेंगे, जो बागवानी से बंपर कमाई कर रहे हैं. कुंडे गांव के 35 वर्षीय अवतार सिंह और उनका परिवार पहले धान-गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करता था. लेकिन उन्हें ज्यादा मेहनत करने के बाद भी उतना मुनाफा नहीं होता था. ऐसे में उन्होंने कमल की खेती शुरू कर दी.

किसान अवतार सिंह का कहना है कि उनके खेत हमेशा जलमग्न रहते थे. ऐसे में उन्होंने कमल की खेती शुरू कर दी. पिछले 10 साल से वे कमल उगा रहे हैं, जिससे अच्छी आमदनी हो रही है. अवतार सिंह की माने तो कमल की फसल के लिए पानी बहुत जरूरी है और हमारे खेत हमेशा जलमग्न रहते थे. ऐसे में हमें सिंचाई के ऊपर ज्यादा खर्च भी नहीं करने पड़े. अभी वे 10 एकड़ में कमल की खेती कर रहे हैं.

क्या कहते हैं किसान अवतार सिंह

उनका कहना है कि कमल से वे प्रति एकड़ 2 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं. यानी 10 एकड़ में कमल उगाकर अवतार सिंह 20 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं. साथ ही बीज बेच कर भी 35,000 रुपये कमा लेते हैं. हालांकि, वर्तमान में कुंडे गांव और इसके आसपास के क्षेत्रों में करीब 250 एकड़ में कमल की खेती की जा रही है.

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90 एकड़ में हरी मिर्च की खेती

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, टूट गांव में 37 वर्षीय लखविंदर सिंह स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने अपने एक एकड़ खेत में 20,000 स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए, जिससे उन्हें काफी मुनाफा हुआ. उन्होंने सरकार से अपरंपरागत फसलें उगाने वाले किसानों का समर्थन करने का आग्रह किया है. पीर इस्माइल खां गांव के गुरमेज सिंह 85 एकड़ में तारो-जड़, आलू और तारो की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें प्रति एकड़ 50,000 रुपये की कमाई होती है. वे दूसरे राज्यों में भी अपनी उपज की आपूर्ति करते हैं. वहीं, बस्ती दब्बिया वाली के मनप्रीत सिंह 2012 से 90 एकड़ में हरी मिर्च उगा रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.

16,000 एकड़ में बागवानी की खेती

लोहगढ़ गांव के अमरजीत सिंह ड्रिप सिंचाई का उपयोग करके 2 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट उगाते हैं. क्षेत्र के अन्य किसान भी फूलों की खेती की ओर मुड़ गए हैं, जिसमें गेंदा, चमेली, रजनीगंधा और ग्लेडियोलस जैसी किस्में उगाई जा रही हैं. फिरोजपुर जिले की 2.1 लाख एकड़ कृषि भूमि में से लगभग 20,000 एकड़ का उपयोग अब क्रॉस-डायवर्सिफाइड फसलों के लिए किया जा रहा है. इसमें से 16,000 एकड़ का उपयोग सब्जियों और शेष फूलों आदि के लिए किया जा रहा है. जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सिमरन सिंह ने कहा कि फिरोजपुर अब राज्य का सबसे बड़ा सब्जी और मिर्च उत्पादक है. हालांकि, फसल चक्र के कारण सटीक उत्पादन डेटा प्राप्त करना कठिन था.

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