राज्य सरकार के इस फैसले से 2 करोड़ महिलाएं प्रभावित, अब नहीं उठा पाएंगी एक साथ 2 योजनाओं का लाभ
महाराष्ट्र सरकार के फैसले से राज्य में विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने भी सरकार की आलोचना की और उन पर महिलाओं को धोखा देने का आरोप लगाया. गायकवाड़ ने कहा कि अब जब चुनाव खत्म हो गए हैं, तो उन्हें अपनी प्यारी बहनें, प्यारे भाई या प्यारे किसान नहीं चाहिए.
महाराष्ट्र में लाभार्थी एक साथ नमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना (एनएसएमएनवाई) और मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. उन्हें दोनों में से किसी एक योजना का चयन करना रोगा. क्योंकि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना के लाभार्थियों की जांच करने और अयोग्य उम्मीदवारों को नाम लिस्ट से हटाने का फैसला लिया है. कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसान परिवार की महिलाएं प्रभावित होंगी.
राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा है कि महिलाओं को एक ही समय में दो सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कोकाटे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि किसान परिवारों की महिलाओं को नमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना (एनएसएमएनवाई) और माझी लाडकी बहिण योजना के बीच चयन करना होगा. वे एक ही समय में दोनों योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकती हैं. उन्होंने कहा कि माझी लाडकी बहिण योजना के वित्तीय बोझ के कारण फसल ऋण माफ करने में देरी हुई है. क्योंकि इससे राजकोष पर असर पड़ रहा है.
तीन किस्तों में मिलते हैं 6000 रुपये
एनएसएमएनवाई के तहत किसान परिवारों को तीन बराबर किस्तों में सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जबकि पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई माझी लाडकी बहिण योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाते हैं. माझी लाडकी बहिण योजना के तहत करीब 2.46 करोड़ महिलाएं लाभार्थी के तौर पर पंजीकृत हैं और बजट अनुमान के मुताबिक उन्हें हर महीने दिए जाने वाले भुगतान पर सालाना 46,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर
राज्य सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि माझी लाडकी बहिण योजना के लाभार्थियों की जांच की जाएगी. योजना का संचालन करने वाले राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाद में कृषि आयुक्त कार्यालय से एनएसएमएनवाई लाभार्थियों के बारे में जानकारी मांगी, जिससे संकेत मिलता है कि दोहरा लाभ उठा रही किसान परिवारों की महिलाओं को माझी लाडकी बहिण योजना लाभार्थी सूची से हटाया जा सकता है. वहीं, सरकार के इस फसले के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हो गई हैं.
संजय राउत ने पूछा सवाल
शिवसेना (यूबीटी) ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर पूछा है कि क्या माझी लाडकी बहिण योजना चुनाव जीतने के लिए एक राजनीतिक चाल थी या सिर्फ वोट पाने की साजिश थी? शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने पूछा कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि चुनाव से पहले माझी लाडकी बहिण योजना का लाभ पाने वाली अपात्र महिलाओं को भी लाभ मिल रहा था. उन्होंने कहा कि उन्हें दिया गया पैसा वापस न लें. एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार को मौजूदा लाभार्थी सूची में फेरबदल नहीं करना चाहिए, बल्कि आगे से अधिक सावधानी बरतनी चाहिए.
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