एक्सपायर दवाइयां, आलू के छिलके और चाय पत्ती से बनाएं खाद, तेजी से बढ़ेंगे गमले के पौधे
हम लोगों के किचन में कई ऐसी चीजें हैं, जिसको हम कचरे के डब्बे में फेंक देते हैं. लेकिन आपको मालूम होना चाहिए कि जिसे आप फेंक रहे हैं, वे रसोई के कचरे नहीं हैं, बल्कि जैविक खाद हैं. बस आपको इस्तेमाल करने का तरीका आना चाहिए. अगर आप सही तरह से इस्तेमाल करते हैं, तो गमले में पौधे हरे-भरे रहेंगे.
शहरों में टेरेस फार्मिंग का चलन तेजी के साथ बढ़ रहा है. लोग गमले में फल से लेकर सब्जियां तक उगा रहे हैं. खास बात यह है कि पैदावार बढ़ाने के लिए लोग गमले में भी बड़े स्तर पर रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए मोटी रकम भी खर्च की जा रही है. लेकिन लोगों को मालूम होना चाहिए कि आपके किचन में जैविक खाद भरे पड़े हैं. इसके लिए आपको कोई खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. इन जैविक खादों को कचरे के डब्बे में डालने के बजाए आप गमले में डालें. इससे पौधों का विकास तेजी से होगा. साथ में आपको खाने के लिए शुद्ध और ऑर्गेनिक फल-सब्जियां भी मिलेंगे. तो आइए आज जानते हैं, किचन में पड़ी वे कौन-कौन सी जैविक खाद हैं जिसे हम गमले में डाल सकते हैं.
आलू के छिलके का इस्तेमाल
आलू अधिकांश भारतीय किचन में आसानी से उपलब्ध होने वाला सब्जी है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि आलू से बने ब्यंजन खाने में जितने टेस्टी होते हैं, उससे कहीं अधिक उपयोगी इसका छिलका होता है. आलू का छिलका सड़ने के बाद बेहतरीन खाद का काम करता है. इसलिए आलू से छिलका उतारने के बाद उसे आप कचरे में नहीं फेंके, बल्कि फूल, फल या सब्जी के गमले में डाल कर मिट्टी में मिला दें. सड़ने के बाद यह एक बेहतरीन जैविक खाद बन जाएगा. इससे पौधों का विकास तेजी होगा और पैदावर भी ज्याद मिलेगी.
चाय पत्ती से भी बनाएं जैविक खाद
आलू की तरह चाय पत्ती भी बेहतरीन जैविक खाद का काम करती है. लेकिन अधिकांश लोग चाय बनाने के बाद आलू की छिलके की तरह ही चाय पत्ती को भी डस्टबिन में फेंक देते हैं. लोगों को मालूम नहीं है कि यह फल- सब्जियों के पौधे के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है. एक्सपर्ट के मुताबिक, चाय बनाने के बाद पत्ती को सीधे गमले में नहीं डालना चाहिए. उसे पहले पानी से धो दें, नहीं तो गमले में चीटियां लग जाएंगी. इससे पौधों के सूखने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे चायपत्ती से बनी खाद मनी प्लांट के लिए अच्छा जैविक खाद का काम करती है. इससे मनी प्लांट पूरे साल हरा- भार रहेगा.
ये भी पढ़ें- चीनी उत्पादन में गिरावट के बावजूद UP बना नंबर 1, जानें कर्नाटक और महाराष्ट्र की स्थिति
एक्सपायर दवाइयों का करें इस्तेमाल
बीमार पड़ने पर लोग घर मैं बहुत सारी दवाइयां लाते हैं. खास कर सर्दी, जुकाम, बुखार और सर दर्द की दवाइयां तो हर घर में पड़ी होती हैं. ये दवाइयां इस्तेमाल न होने के चलते धीरे-धीरे एक्सपायर हो जाती हैं. ऐसे में लोग दवाइयों को घर से बाहर फेंक देते हैं. लेकिन लोगों को मालूम होना चाहिए कि एक्सपायर दवाइयां जैविक खाद का काम करती हैं. इसलिए आप इन दवाइयों को फेंके नहीं, बल्कि गार्डनिंग में इस्तेमाल करें. एक्सपायर दवाइयों को पानी या मिट्टी में मिलाकर कंपोस्ट बना लें. इसके बाद मनी प्लांट के गमले में खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा एक्सपायर दवाइयों का घोल बनाकर पौधों के ऊपर छिड़काव भी कर सकते हैं. इससे फंगस या कीड़े मकोड़े नहीं लगते हैं.
ये भी पढ़ें- बहुत आसान है पॉलिथीन बैग में मशरूम उगाना, जानें पूरा प्रोसेस