नए साल पर किसानों को सरकार की सौगात! इस फसल की MSP पर 420 रुपये की बढ़ोतरी

इस फसल की MSP पर 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी के फैसले का मुख्य उद्देश्य इसके उत्पादकों को आर्थिक स्थिरता देना है और उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है, ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को पूरा किया जा सके. जानें किस फसल की MSP बढ़ी...

इस फसल पर MSP के लिए 855 करोड़ का बजट आवंटित किया Image Credit: Freepik/Canva

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने 2025 के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को मंजूरी दे दी है, जिसके लिए 855 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में एक कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, “प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए सरकार ने किसानों के लिए पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ काम किया है. आज किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. दक्षिण भारत के सभी पांच राज्यों को कवर करते हुए 2025 के लिए कोपरा की मूल्य नीति को मंजूरी दी गई है.”

मिलिंग और बॉल कोपरा की MSP बढ़ी

2025 के लिए मिलिंग कोपरा (तेल निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला) का MSP 420 रुपये बढ़ाकर 11,582 प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा (खाने का ड्राई फ्रूट) का MSP 100 रुपये बढ़ाकर 12,100 प्रति क्विंटल कर दिया गया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी है.

सरकारी बयान के अनुसार, 2014 में मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा का MSP 5,250 रुपये और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे 2025 में बढ़ाकर 11,582 रुपये और 12,100 रुपये कर दिया गया है. यह 121% और 120% की बढ़ोतरी है.

सरकार का कहना है कि यह बढ़ा हुआ MSP न केवल नारियल किसानों को बेहतर आर्थिक लाभ सुनिश्चित करेगा, बल्कि उन्हें कोपरा प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा, ताकि नारियल की बढ़ती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा किया जा सके.

नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF), मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत कोपरा और नारियल (जिसके ऊपर लगे हस्क को हटा दिया गया हो) की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियां बनी रहेंगी.

इसके पहले, केंद्र सरकार ने रबी फसलों के लिए भी नई MSP दरों को मंजूरी दी थी. 2025-26 के लिए गेहूं का MSP 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 प्रति क्विंटल, सरसों का 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल और चना का 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था.