UP के गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, अब फसल में नहीं लगेगी ये खतरनाक बीमारी; पैदावार भी बढ़ जाएगी
यूपी गन्ना विभाग ने गन्ने की आधुनिक खेती और रेड रॉट बीमारी से बचाव के लिए मास्टर ट्रेनर्स की ट्रेनिंग पहल शुरू की है. ये ट्रेनर्स किसानों को नई तकनीकों, मल्टी-क्रॉपिंग, ड्रिप सिंचाई और सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे. ट्रेनिंग अगले छह महीनों तक चलेगी.
Sugarcane: गन्ने की खेती को आधुनिक बनाने और रेड रॉट बीमारी से फसल को बचाने के लिए, यूपी गन्ना विभाग ने एक नई पहल शुरू की है. इस पहल के तहत, अनुभवी मास्टर ट्रेनर्स का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, जो गन्ना किसानों को नई तकनीकों और बीमारियों से बचाव के तरीकों की ट्रेनिंग देंगे. इस बीमारी के कारण मौजूदा पेराई सीजन में गन्ने की पैदावार और शक्कर की रिकवरी पर बुरा असर पड़ा है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पहल के तहत, गन्ना मिलों और गन्ना विभाग के कुशल कर्मचारी और प्रगतिशील किसानों को चुना जाएगा और उन्हें विशेषज्ञों से खास ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ये लोग मास्टर ट्रेनर बनेंगे और 152 गन्ना विकास परिषद क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में जाकर किसानों को नई तकनीकों और सही खेती के तरीकों की जानकारी देंगे.
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लोगों को तीन दिन की खास ट्रेनिंग दी जाएगी
गन्ना आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने कहा कि चुने गए लोगों को तीन दिन की खास ट्रेनिंग दी जाएगी, जो यूपी काउंसिल ऑफ शुगरकेन रिसर्च के वैज्ञानिक कराएंगे. इस ट्रेनिंग में उन्हें ऐसी गन्ना किस्मों की जानकारी दी जाएगी जो ज्यादा पैदावार देती हैं और बीमारियों से बची रहती हैं. साथ ही, कीड़ों और बीमारियों से बचाव, बीज और मिट्टी की देखभाल, ड्रिप सिंचाई, गन्ने के साथ दूसरी फसलें उगाने, खेती में सही इनपुट इस्तेमाल करने और सरकारी मदद पाने के तरीकों की जानकारी भी दी जाएगी.
इन फसलों की करें खेती
सिंह ने कहा कि किसान अगर खाद-बीज का संतुलित इस्तेमाल करें तो फायदा होगा. पानी बचाने वाली सिंचाई तकनीक अपनाना भी जरूरी है. गन्ने के साथ दाल, आलू और मटर जैसी फसलें उगाना फायदेमंद रहेगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. साथ ही राज्य का कुल खेती उत्पादन भी बढ़ेगा.
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50-50 किसानों के समूह को ट्रेनिंग देंगे
उन्होंने कहा कि हर मास्टर ट्रेनर 50-50 किसानों के समूह को ट्रेनिंग देंगे. ये ट्रेनिंग अगले छह महीनों तक चलेगी और गन्ना रिसर्च सेंटर, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और प्रगतिशील किसानों के खेतों पर करवाई जाएगी. पूरे कार्यक्रम की निगरानी गन्ना विभाग के अधिकारी करेंगे. जिलावार ट्रेनिंग का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया गया है.