नासिक की लासलगांव मंडी में 5851 रुपये क्विंटल हुआ प्याज, जानें क्यों बढ़ रही हैं खुदरा कीमतें
प्याज की बढ़ती कीमत ने लोगों के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. खास कर दिल्ली-एनसीआर में प्याज 70 से 75 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि एक हफ्ते पहले इसका रेट 50 से 60 रुपये किलो था.
प्याज की बढ़ती कीमत से आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. दिल्ली-एनसीआर में एक हफ्ते पहले तक जो प्याज 50-60 रुपये किलो बिक रहा था, अब उसकी कीमत बढ़कर 70-75 रुपये किलो हो गई है. हालांकि, केंद्र सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. वह सरकारी दुकानों पर 35 रुपये किलो की दर से प्याज बेच रही है. इसके अलावा दिल्ली सहित देश के अलग-अलग राज्यों में स्पेशल ट्रेन से भी प्याज की सप्लाई कर रही है. इसके बावजूद भी कीमतों में गिरावट नहीं आ रही है.
अगर प्याज की होलसेल रेट की बात करें तो महाराष्ट्र के नासिक जिले के लासलगांव में मंगलवार को औसत गुणवत्ता वाले प्याज का रेट 5,851 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया. जबकि, लाल प्याज़ का भाव 3,600 रुपये प्रति क्विंटल रहा. वहीं, कृषि जिंस निर्यातक संघ के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से में प्याज पहुंचने में 10 रुपये प्रति किलो का अतिरिक्त खर्च आता है. उन्होंने कहा कि अगर नासिक में प्याज 40 रुपये में खरीदा जाता है, तो परिवहन और अन्य लागतों सहित इसकी कीमत 50 रुपये प्रति किलो हो सकती है. लेकिन रिटेल मार्केट में आते-आते प्याज बहुत अधिक महंगे हो जाते हैं.
क्यों बढ़ जाती ही खुदरा कीमतें
वहीं, बाजार अनुसंधान और वित्तीय बाजारों के विशेषज्ञ वी शुनमुगम ने कहा कि पिछले महीने महाराष्ट्र में बारिश के कारण फसल कटाई में देरी हो गई. इससे मंडियों में देरी से प्याज की सप्लाई हुई, जिससे कीमतें बढ़ गईं. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, पहचान न बताने की शर्त पर एक व्यापारी ने कहा कि जब भी फसलों के नुकसान की खबरें आती हैं, खुदरा विक्रेता इसका फायदा उठाते हैं. इनकी पुष्टि किए बिना ही कीमतें बढ़ा दी जाती हैं.
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इतने लाख हेक्टेयर में प्याज की बुवाई
उन्होंने कहा कि इस बार, भी खुदरा दुकानदारों ने खरीफ फसल के आने में देरी का फायदा उठाया है, जिससे प्याज की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. वहीं, 9 नवंबर को नोएडा के थोक सब्जी और फल बाजार (मंडी) में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला प्याज 300 रुपये प्रति 5 किलो पर बिका. कृषि मंत्रालय के फसल निगरानी मौसम समूह के अनुसार, खरीफ प्याज की बुवाई 3.82 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य को पूरा कर चुकी है. यह पिछले साल के 2.85 लाख हेक्टेयर के रकबे से अधिक है. ऐसे में इस साल बंपर प्याज का उत्पादन होने की उम्मीद है.
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