यहां 110 रुपये किलो बिक रहा है प्याज, इस वजह से कीमतों में हुई भारी बढ़ोतरी

कोयम्बेडु सब्जी, फल और फूल व्यापारी संघ के कोषाध्यक्ष पी. सुकुमार ने कहा कि आम तौर पर बाजार में रोजाना 80 से 90 ट्रक प्याज आते थे, लेकिन अब यह घटकर 40 से 45 रह गए हैं. उत्पादन में गिरावट के कारण सितंबर से इसमें लगातार गिरावट आ रही है. इस साल 2022 के बाद खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये से ऊपर पहुंच गई है.

कब सस्ता होगा प्याज. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: GettyImages

प्याज है कि सस्ता होने का नाम नहीं ले रहा है. इसकी कीमत कम होने के बजाए धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. खास कर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में प्याज कुछ ज्यादा ही महंगा हो गया है. यहां पर लोगों को एक किलो प्याज खरीदने के लिए 100 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. कहा जा रहा है कि रिटेल मार्केट ही नहीं, होलसेल मार्केट में भी प्याज बहुत अधिक महंगा बिक रहा है.

महंगाई का आलम यह है कि कोयम्बेडु थोक बाजार परिसर (केडब्ल्यूएमसी) में शनिवार को बेहतरीन क्वालिटी का प्याज 40 से 70 रुपये किलो बिक रहा था. लेकिन रिटेल मार्केट में आते-आते खुदरा प्याज की कीमत 100 से 110 रुपये किलो हो जा रही है. हालांकि, थोक व्यापारियों ने कहा कि पिछले दिन की तुलना में प्याज की कीमत में 5 प्रति किलो की मामूली गिरावट आई है, क्योंकि केडब्ल्यूएमसी को तेलंगाना और कर्नाटक से कुछ ज्यादा प्याज की आवक शुरू हो गई है.

कब आएगी कीमतों में गिरावट

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयम्बेडु सब्जी, फल और फूल व्यापारी संघ के कोषाध्यक्ष पी. सुकुमार ने कहा कि आम तौर पर बाजार में रोजाना 80 से 90 ट्रक प्याज आते थे, लेकिन अब यह घटकर 40 से 45 रह गए हैं. उत्पादन में गिरावट के कारण सितंबर से इसमें लगातार गिरावट आ रही है. इस साल 2022 के बाद खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये से ऊपर पहुंच गई है. अगले सप्ताह तक इसमें थोड़ी कमी आ सकती है, क्योंकि बाजार में पड़ोसी राज्यों से अधिक उपज आने की उम्मीद है. हालांकि, मॉनसून प्याज के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है.

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इन सब्जियों के भी बढ़े दाम

सुकुमार ने कहा कि गाजर, छोटे प्याज और चुकंदर सहित अन्य सब्जियां की कीमतें भी थोक बाजार में बढ़ी हैं. कोयम्बेडु प्याज थोक व्यापारी संघ के अध्यक्ष वी.आर. सुंदरराजन ने कहा कि देश में सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में मजदूरों की कमी आपूर्ति में कमी का एक कारण है. परिवहन लागत बचाने के लिए अब कुछ स्टॉक ट्रकों के बजाय ट्रेनों के जरिए लाया जा रहा है. हालांकि इसमें और वृद्धि होने की संभावना नहीं है, लेकिन थोक व्यापारियों को उम्मीद है कि नई फसल आने के साथ जनवरी तक प्याज की कीमतें स्थिर हो जाएंगी.

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