क्यों नहीं घट रहे प्याज के दाम? कृषि मंत्री ने बताई वजह
पिछले कई महीनों से प्याज बहुत महंगा है. इसकी कीमतों में गिरावट नहीं आ रही है. दिल्ली-एनसीआर सहित कई शहरों में यह 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि सरकार महंगाई पर ब्रेक लगाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.
पिछले कई महीनों से प्याज की कीमतों में उछाल जारी है. इसकी कीमतें कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही हैं. दिल्ली-एनसीआर सहित कई शहरों में यह 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. हालांकि, केंद्र सरकार महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. इसके लिए वह सरकारी दुकानों पर 35 रुपये किलो की दर से प्याज बेच रही है. साथ ही स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से भी कई राज्यों में प्याज की सप्लाई की जा रही है. इसके बावजूद भी कीमतों में गिरावट नहीं आ रही है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठा रहा है कि आखिर वह कौन सी वजह है, जिसके चलते प्याज की कीमतों में गिरावट नहीं आ रही है. लेकिन इन सवालों का जवाब खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दे दिया. साथ ही उन्होंने प्याज की कीमतों में गिरावट नहीं आने की कई वजहें भी बताई हैं.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाए जाने के चलते इसकी कीमतों में उछाल आया है. उनकी माने तो व्यापारी बड़ी मात्रा में विदेशों में प्याज की सप्लाई कर रहे हैं. इससे प्याज की कीमतें बढ़ गईं. उनका कहना है कि साथ ही प्याज पर निर्यात शुल्क हटाना भी कीमतों में उछाल का एक कारण है. दरअसल, केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया, जिससे घरेलू बाजार में कीमतों में उछाल आ गया.
इन वजहों से महंगा हो गया प्याज
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2023 में सरकार ने कमजोर मॉनसून के कारण रसोई के जरूरी सामानों की कमी का हवाला देते हुए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिर इस प्रतिबंध को मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया. हालांकि, इस साल मई में सरकार ने निर्यात प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन साथ ही कुछ प्रतिबंध भी लगा दिए, ताकि प्याज का कम से कम निर्यात किया जा सके. हालांकि, सितंबर में सरकार ने निर्यात बजट में 40 फीसदी की कटौती की और निर्यात को न्यूनतम निर्यात मूल्य से छूट दे दी.
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यहां 110 रुपये किलो बिक रहा प्याज
मई के आदेश के अनुसार, सरकार ने प्याज को कम कीमत पर निर्यात न करने के लिए 555 डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया था. साथ ही, 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भी लगाया गया था. बाद में सितंबर में, सरकार ने निर्यात बजट में 40 प्रतिशत की कटौती करके आधे से भी कम कर दिया और निर्यात को एमईपी से मुक्त कर दिया. सरकार के अनुसार, प्रतिबंध का फैसला घरेलू मांग को पूरा करने के लिए लिया गया था, जो कमजोर मॉनसून के कारण प्रभावित हो सकती थी. हालांकि, निर्यात में रियायतें और बाद में प्रतिबंध हटाने का काम किसानों के हितों की रक्षा के लिए किया गया था. लेकिन इससे घरेलू मार्केट में प्याज महंगा हो गया. अभी चेन्नई में यह 100 से 110 रुपये किलो बिक रहा है.
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