5000 साल से भारत में प्याज का उत्पादन, दुनिया में नंबर-2, फिर क्यों 80-90 रुपये किलो
साल 2024-25 में 31 जुलाई तक भारत ने 2.60 लाख टन प्याज का निर्यात किया. इससे बंपर कमाई हुई. अगर पिछले तीन वर्षों के आंकड़े पर नजर डालें तो भारत ने प्याज निर्यात से 2021-22 में 3,326.99 करोड़, 2022-23 में 4,525.91 करोड़ और 2023-24 में 3,513.22 करोड़ रुपये की कमाई की.
पिछले कई हफ्तों से प्याज की कीमतों में तेजी जारी है. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इसकी कीमत में गिरावट नहीं आ रही है. चेन्नई में तो यह 100 से 110 रुपये किलो बिक रहा है. हालांकि, केंद्र सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकारी दुकानों पर 35 रुपये किलो की दर से प्याज बेच रही है. साथ ही दिल्ली सहित कई राज्यों में स्पेशल ट्रेन के माध्यम से प्याज की सप्लाई भी की जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी इसके रिटेल प्राइस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. और वह 80-90 रुपये किलो बिक रही है.ऐसे में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले प्याज सरकार के लिए सर दर्द बनता जा रहा है. क्योंकि देश में बहुत बार प्याज चुनावी का मुद्दा भी बना है. खैर, लेकिन आज हम प्याज के इतिहास और कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे की असली वजह जानेंगे.
कहा जाता है प्याज का इतिहास हजारों साल पुराना है, लेकिन 5 हजार साल से इसकी खेती की जा रही है. अगर प्याज की उत्पति के बारे में बात करें, तो इसके लेकर भी दो तरह के तर्क हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज की उत्पत्ति सेंट्रल एशिया में हुई. जबकि, कुछ अध्ययनों में यह दावा किया गया कि पहली बार प्याज को ईरान और पश्चिमी पाकिस्तान (पहले भारत) में उगाया गया. हालांकि, कहा जाता है कि इंसानों ने बहुत पहले ही जंगली प्याज की खोज कर ली थी और उसे खाना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे यह आहार का मुख्य हिस्सा बन गया. यही वजह है कि प्राचीन फसल होने के चलते इसकी खेती लगभग सभी देशों में की जाती है. ऐसे चीन विश्व का सबसे ज्यादा प्याज पैदा करने वाला देश. इसके बाद भारत दूसरे नंबर पर है.
प्याज निर्यात से होती है बंपर कमाई
भले ही चीन सबसे ज्यादा प्याज उगाता है, लेकिन निर्यात के मामले में वह भारत से पीछे हैं. साल 2022-23 में भारत ने दुनिया में सबसे ज़्यादा प्याज का एक्सपोर्ट किया था. भारत ने करीब 2.5 मिलियन टन प्याज का एक्सपोर्ट किया था. तब भारत बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, मलेशिया, श्रीलंका और इंडोनेशिया को बड़े स्तर पर प्याज का निर्यात किया था. वहीं, साल 2024-25 में 31 जुलाई तक भारत ने 2.60 लाख टन प्याज का निर्यात किया. इससे बंपर कमाई हुई. अगर पिछले तीन वर्षों के आंकड़े पर नजर डालें तो भारत ने प्याज निर्यात से 2021-22 में 3,326.99 करोड़, 2022-23 में 4,525.91 करोड़ और 2023-24 में 3,513.22 करोड़ रुपये की कमाई की.
इन जिलों में होती है प्याज की खेती
भारत में लगभग सभी राज्यों में प्याज की खेती की जाती है. यह साल में दो बार रबी और खरीफ सीजन में उगाया जाता है. इसका कुल रकबा करीब 20 लाख हेक्टेयर के आसपास है. देश में प्याज़ का उत्पादन साल 2023-24 में 242 लाख टन रहा है. हालांकि, यह पिछले साल के मुकाबले 20% कम है. खास बात यह है कि महाराष्ट्र में किसान सबसे ज्यादा प्याज की खेती करते हैं. यहां पर एक लाख हेक्टेयर से भी अधिक प्याज का रकबा है. नासिक, अहमदनगर, सतारा, पुणे, सोलापुर, जलगांव और धुले जिले में किसान बड़े स्तर पर प्याज उगाते हैं.
इस राज्य में होता है सबसे ज्यादा उत्पादन
महाराष्ट्र अकेले करीब 43 फीसदी प्याज का उत्पादन करता है. यहां के नासिक जिला स्थित लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. इस मंडी में रोज कई ट्रक प्याज की नीलामी होती है, जिसकी कीमत करीब 750 करोड़ रुपये के आसपास होती है. महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक में किसान सबसे ज्यादा प्याज उगाते हैं. देश में उत्पादिक कुल प्याज में इसकी हिस्सेदारी 16 फीसदी है. इसके बाद गुजरात का स्थान आता है.
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क्यों कम नहीं हो रहे प्याज के दाम
प्याज की कीमत हर साल मॉनसून आने पर बढ़ जाती है. क्योंकि बारिश से मंडियों में प्याज की सप्लाई प्रभावित होती है. इससे डिमांड और आपूर्ति में अंतर आने से कीमतों में बढ़ोतरी हो जाती है. लेकिन इस साल प्याज की कीमत काफी लंबे समय से बढ़ी हुई है और नीचे आने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि इस साल बहुत अधिक बारिश होने के चलते खरीफ प्याज की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. साथ ही बारिश की वजह से फसल कटाई में भी देरी हुई, जिससे समय पर खरीफ प्याज का आवक मंडियों में नहीं हो पाया. यही वजह है कि कीतमें बढ़ रही हैं.
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