धान किसानों की इस मांग से उलझन में पड़ी कंपनियां, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर पड़ेगा असर
ओडिशा में किसान धान की खरीद दर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक प्रीमियम की मांग कर रहे हैं. इससे बीज कंपनियां दुविधा में हैं. कृषि मंत्रालय ने मामला संज्ञान में लिया है. छत्तीसगढ़, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा जैसे राज्यों में 2022-23 तक के तीन सालों में धान की खरीद का हिस्सा, बाजार में बिकने वाले अतिरिक्त स्टॉक के मुकाबले ज्यादा रहा है.
Paddy Farming: ओडिशा में किसान धान की मौजूदा खरीद दर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम यानी प्रीमियम की मांग कर रहे हैं. इससे बीज कंपनियां उलझन में हैं कि आने वाले खरीफ सीजन में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करें या नहीं. और अगर करें तो किसानों से किस रेट पर खरीदें. यह स्थिति सिर्फ ओडिशा तक सीमित नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी ऐसा ही माहौल बन सकता है, क्योंकि ये दोनों राज्य धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा बोनस भी देते हैं.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्रालय ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया है, जिसे ओडिशा के एक किसान उत्पादक संगठन (FPO) ने 3 अप्रैल को एक वेबिनार में उठाया था. FPO के प्रतिनिधि ने पूछा कि नाफेड या नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) ओडिशा से धान के बीज किस कीमत पर खरीदेंगे, क्योंकि किसानों को कम से कम 200 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम चाहिए होगा.
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बीज की बिक्री 3,100 रुपये प्रति क्विंटल
एक अधिकारी ने कहा कि धान के बीज की उपलब्धता को लेकर ज्यादा समस्या नहीं होगी, क्योंकि अधिकतर किसान अपने ही फसल से बीज रखते हैं. साथ ही, दूसरे राज्यों से भी बीज की आपूर्ति होगी, जो शायद सस्ते दाम पर मिल जाए. लेकिन अगर बीज की बिक्री 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से कम रेट पर होती है, तो किसान उसे सरकार को बेच सकते हैं. हालांकि, ओडिशा में किसानों ने पिछले साल धान के बीज के लिए औसतन 2,500 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल तक चुकाए थे.
इन राज्यों में धान की खरीद
CACP की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा जैसे राज्यों में 2022-23 तक के तीन सालों में धान की खरीद का हिस्सा, बाजार में बिकने वाले अतिरिक्त स्टॉक के मुकाबले ज्यादा रहा है. इसी अवधि में धान की उत्पादन लागत (A2 + पारिवारिक श्रम) ओडिशा में 55,596 रुपये प्रति हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 41,668 रुपये प्रति हेक्टेयर रही. 2017-18 तक के तीन सालों में यही लागत ओडिशा में औसतन 45,818 रुपये और छत्तीसगढ़ में 35,793 रुपये प्रति हेक्टेयर थी.
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