नागपुर में बना एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्रोसेसिंग प्लांट, पतंजलि का यह कदम किसानों के लिए फायदेमंद?
योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई में नागपुर में एक बड़ा औद्योगिक कदम उठाया गया है. यह परियोजना हजारों किसानों को लाभ पहुंचाएगी और क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर खोलेगी. आखिर यह प्लांट किस तरह से बदलाव लाने वाला है? जानिए पूरी खबर.

Asia’s Largest Orange Plant: योगगुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई में रविवार यानी 9 मार्च को नागपुर के MIHAN (Multi-modal International Cargo Hub and Airport at Nagpur) औद्योगिक क्षेत्र में पतंजलि के मेगा फूड और हर्बल पार्क का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं. इस प्लांट को एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्रोसेसिंग प्लांट बताया जा रहा है, जिससे किसानों को बड़ा फायदा होगा और हजारों नौकरियां सृजित होंगी.
800 टन क्षमता वाला प्रोसेसिंग प्लांट
MIHAN प्लांट की उत्पादन क्षमता 800 टन प्रतिदिन है. यहां केवल संतरे का जूस ही नहीं, बल्कि नींबू, आंवला, अनार, अमरूद, अंगूर, लौकी, गाजर का जूस और आम, संतरा, प्याज, टमाटर का पेस्ट भी तैयार किया जाएगा. आचार्य बालकृष्ण ने कहा, “इस प्लांट को शुरू करने में कई बाधाएं आईं, कोरोना महामारी भी एक बड़ी चुनौती थी लेकिन आखिरकार यह दिन आ ही गया जिसका इंतजार वर्षों से किसान कर रहे थे.”
किसानों और रोजगार के लिए बड़ा अवसर
प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह “जीरो वेस्ट सिस्टम” पर काम करेगा. यहां संतरे के छिलकों से सुगंधित तेल निकाला जाएगा जिससे उत्पादन की आर्थिक संभावनाएं और बढ़ेंगी. बाबा रामदेव ने कहा, “यह फूड और जूस प्रोसेसिंग का एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है, जिसकी कुल लागत 1500 करोड़ रुपये है और अब तक 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. यह परियोजना किसानों की समृद्धि लाने में अहम भूमिका निभाएगी.”
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना को किसानों के लिए वरदान बताया. उन्होंने कहा कि “इस प्लांट से हजारों नौकरियां पैदा होंगी और किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर दाम मिलेगा.” आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि “हमारे उत्पादों की गुणवत्ता विश्वस्तरीय है लेकिन हमारी प्राथमिकता भारतीय उपभोक्ताओं को सर्वश्रेष्ठ उत्पाद उपलब्ध कराना है.” इस मेगा फूड और हर्बल पार्क से किसानों की आय बढ़ेगी, नई तकनीकों का इस्तेमाल होगा और भारत आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाएगा.
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