फसल बीमा की कट ऑफ डेट जारी, जल्द करें अप्लाई वरना नहीं मिलेगा मुआवजा
प्रधान मंत्री फसल बीमा की योजना के तहत बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई है. आइए समझते हैं किन फसलों के लिए कर सकते हैं बीमा और क्या हैं इसके फायदे.
देश में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी क्रम में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा देनी की भी शुरुआत की गई है. प्रधान मंत्री फसल बीमा के नाम से चल रही इस योजना के लिए सरकार ने कट ऑफ डेट जारी की है. आइए जानते हैं क्या है कट ऑफ डेट और योजना की पूरी डिटेल.
रबी की सीजन की बुवाई शुरू हो गई है. इस योजना के तहत रबी सीजन की फसलों का बीमा करने के लिए कट ऑफ डेट जारी कर दी गई है. कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2024 की तय की गई है. इस बीमा का फायदा किसानों को तब मिलता है जब उनकी फसल को आंधी, बाढ़, सूखा या तूफान से कोई नुकसान हो गया हो. या फसलों को पशुओं, जंगली जानवरों ने रौंद दिया हो.
इन फसलों का कराएं बीमा
सरकार ने यह कट ऑफ डेट रबी की फसलों के लिए जारी किया है. पीएम फसल बीमा के तहत रबी की फसलों जैसे गेहूं, सरसों, आलू आदि का बीमा कराया जा सकता है. सरकार ने खरीफ की फसलों की तुलना में रबी की फसलों पर औसत बीमा प्रीमियम रेट भी कम कर दी है.
कितना देना होगा प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत किसानों को बीमा के बदले में कुछ प्रीमियम भी देना पड़ता है. खरीफ की फसलों के लिए वह 2 फीसदी होता है. वहीं, रबी की फसलों के लिए 1.5 फीसदी का प्रीमियम चुकाना होगा. जो कि खरीफ की फसलों की तुलना में 0.5 फीसदी कम है. इसके अलावा बागवानी और कमर्शियल फसलों पर 5 फीसदी का प्रीमियम चुकाना पड़ता है.
पीएम फसल बीमा योजना के फायदे
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि की महती भूमिका होती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकारें किसानों की आमदनी बढ़ाने वाली योजनाएं चलाती रहती हैं. पीएम फसल योजना के पीछे का उद्देश्य भी किसानों की आर्थिक तौर पर मदद करना है. इस योजना के तहत अगर किसान की फसल किसी भी प्राकृतिक आपदा से खराब हो जाती है तो उसे फसल का मुआवजा मिल जाता है. इससे किसानों की आगे की खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है. उसे आर्थिक नुकसान भी नहीं झेलना पड़ता है.