महंगाई की मार से बिगड़ा किचन का बजट, यहां 45 रुपये किलो हुआ आलू
सिंगुर के बड़े व्यापारी सुकुमार सामंत ने मंगलवार से थोक कीमतों में संभावित गिरावट की भविष्यवाणी की है. उन्होंने कहा कि हम सरकार द्वारा तय दरों पर आलू बेच रहे हैं, लेकिन कुछ खुदरा विक्रेता सहयोग नहीं कर रहे हैं.
आलू की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सोमवार को आलू की कीमतों में फिर से उछाल दर्ज किया गया. कहा जा रहा है कि सप्लाई प्रभावित होने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. महंगाई का आलम यह है कि कुछ दिन पहले तक जिस ज्योति किस्म की कीमत 38 रुपये प्रति किलो थी, अब उसका रेट बढ़ कर 40 रुपये हो गया है. इसी तरह चंद्रमुखी किस्म की कीमत भी 45 रुपये प्रति किलो है. हालांकि पिछले सप्ताह एक दिन के लिए इसकी कीमत गिरकर 42 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थी.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह की हड़ताल के दौरान चंद्रमुखी किस्म की कीमत 1,750 रुपये प्रति 50 किलो बैग पर पहुंच गई थी. लेकिन धीरे-धीरे घटकर 1,600 रुपये प्रति 50 किलो बैग हो गई. वहीं, सोमवार को 1,570 रुपये प्रति 50 किलो बैग पर पहुंच गई. खास बात यह है कि मंडियों में 15 फीसदी से अधिक खराब क्वालिटी वाले वालू की खरीद करने की इजाजत नहीं है. हालांकि, अब उत्तर प्रदेश से भी आलू की आवक शुरू हो गई है. इसके बावजूद भी कीमतों में गिरावट नहीं आई है. पंजाब की नई किस्म का आलू 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
क्या कहते हैं आलू व्यापारी
सिंगुर के बड़े व्यापारी सुकुमार सामंत ने मंगलवार से थोक कीमतों में संभावित गिरावट की भविष्यवाणी की है. उन्होंने कहा कि हम सरकार द्वारा तय दरों पर आलू बेच रहे हैं, लेकिन कुछ खुदरा विक्रेता सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा, असामान्य मौसम के कारण उपलब्ध स्टॉक में कमी आई है. उत्तर प्रदेश के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े आलू उत्पादक बंगाल को लगातार दो बार बेमौसम बारिश के कारण उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ा, जिससे किसानों को फिर से आलू बोना पड़ा.
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कब आएगी कीमतों में गिरावट
सिंगुर के एक व्यापारी ने कहा कि इस साल उत्पादन कम होगा और खेती की लागत बढ़ने के कारण कीमतों में जल्द ही कमी आने की उम्मीद नहीं है. राज्य के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने कुछ खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों के बीच कथित सांठगांठ की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और सही समय पर कार्रवाई करेगी.
इस वजह से बढ़ रही कीमतें
बारिशा स्थित विज्ञापन फिल्म निर्माता अनिरुद्ध घोष ने कहा कि खुदरा विक्रेताओं को खरीदारों को कीमतों में उतार-चढ़ाव के बारे में समझाना मुश्किल लग रहा है. बेहाला पुराना बाजार में आलू बेचने वाले सुजीत घोष ने कहा कि महंगाई से ग्राहक परेशान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कीमतें क्यों बढ़ रही हैं. कुछ व्यापारियों ने कीमतों में वृद्धि के लिए तेजी से घटते भंडार और अनियमित मौसम को जिम्मेदार ठहराया है.
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