अंबाला की मोहड़ा मंडी में शुरू हुई आलू की खरीद, 1050 रुपये क्विंटल से अधिक है रेट

मोहड़ा मंडी के सचिव नीरज भारद्वाज ने कहा कि अनाज मंडी के आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में किसान आलू उगाते हैं. किसानों के अनुरोध के बाद पिछले सप्ताह हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने आलू के व्यापार की अनुमति दे दी है.

अंबाला के आलू उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी. Image Credit: Freepik

हरियाणा के अंबाला जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें अपनी उपजन को बेचने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि अंबाला कैंट की मोहड़ा अनाज मंडी में आलू की खरीद- बिक्री शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि इससे जिले के हजारों किसानों को फायदा होगा. पहले अंबाला के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पिपली, शाहाबाद और बबैन अनाज मंडियों में जाना पड़ता था, जिससे उन्हें अतिरिक्त परिवहन शुल्क देना पड़ता था. लेकिन अब मोहरा अनाज मंडी में आलू की खरीद- बिक्री शुरू होने से किसानों पर अतिरिक्त परिवहन शुल्क का बोझ कम होगा. साथ ही समय की भी बचत होगी.

जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने मोहरा मंडी में फसल बेचने और खरीदने की अनुमति के संबंध में निर्देश जारी किए थे. इस साल जिले में 2,460 हेक्टेयर में फसल लगी है. शुक्रवार को करीब 400 क्विंटल स्टॉक आया और फसल की गुणवत्ता के आधार पर 1,050 से 1,155 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिली.

क्या कहते हैं किसान

50 एकड़ में आलू उगाने वाले शाहपुर गांव के किसान हरजिंदर सिंह ने कहा कि अंबाला कैंट मंडी में कारोबार हमारे लिए बड़ी राहत लेकर आया है. मैं अपनी फसल बेचने के लिए यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर पिपली मंडी जाता था, जबकि अंबाला की मोहरा मंडी 2 किलोमीटर दूर है. इससे समय की बचत होगी, साथ ही ईंधन की भी बचत होगी. इसके अलावा, कोहरे और ठंड के कारण फसल को ले जाने में भी दिक्कत होती है.

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किसानों को मिल रहा है बेहतर रेट

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले आलू के दाम बेहतर मिल रहे हैं. नारायणगढ़ के आलू उत्पादक राजीव शर्मा ने कहा कि मैंने 5 एकड़ में आलू उगाया है और फसल पकने को है. पहले मैं कुरुक्षेत्र की पिपली मंडी में आलू बेचने जाता था और मुझे एक चक्कर में 2,000 रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ते थे. पिछले साल उत्पादन की लागत 600-700 रुपये प्रति क्विंटल थी और फसल 265-300 रुपये प्रति क्विंटल बिकी थी. नारायणगढ़ से पिपली तक परिवहन से वित्तीय बोझ और बढ़ गया था, लेकिन जब से अंबाला कैंट मंडी में आलू का व्यापार शुरू हुआ है, तब से अंबाला के किसानों को सुविधा होगी.

1,200 क्विंटल स्टॉक आ चुका है

इस बीच, मोहड़ा मंडी के सचिव नीरज भारद्वाज ने कहा कि अनाज मंडी के आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में किसान आलू उगाते हैं. किसानों के अनुरोध के बाद पिछले सप्ताह हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने आलू के व्यापार की अनुमति दे दी है. अब तक करीब 1,200 क्विंटल स्टॉक आ चुका है. अनिश्चित मौसम की स्थिति के कारण, आवक स्थिर नहीं रही है और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में आवक भारी होगी.

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