अब एक ही पौधे से निकलेगा आलू और टमाटर, गमले में भी कर सकते हैं खेती
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक के आने से खेती के लिए अधिक जगह की समस्या खत्म हो गई है. अब लोग घरों की छत पर भी गमले में भी 'पोमेटो टेक्नोलॉजी' से आलू और टमाटर पैदा कर सकते हैं. इस महंगाई में लोग 'पोमेटो टेक्नोलॉजी' से हर महीने काफी रुपये बचा पाएंगे.
देश में किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी लगातार कोशिश कर रही हैं. इसके लिए बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही पैदावार बढ़ाने के लिए खेती में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. वहीं, इस काम में कृषि वैज्ञानिक भी पूरी मेहनत के साथ लगे हुए हैं. वे रोज फसलों की नई-नई किस्में विकसित कर रहे हैं. इसी बीज वैज्ञानिकों ने ऐसा कमाल किया है, जिससे कृषि सेक्टर में क्रांति आ जाएगी. वैज्ञानिकों की इस तकनीक का इस्तेमाल करने से किसानों की आदमनी भी बढ़ जाएगी, क्योंकि अब एक ही पौधे से आलू और टमाटर का उत्पादन होगा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे एक ही पैधे से आलू और टमाटर का उत्पादन होगा और वो भी एक साथ. पौधे के जड़ से आलू निकलेगा और ऊपर टमाटर के फल लगेंगे. वैज्ञानिकों को इस नई तकनीक से एक ही पौधे पर दो फसल उगाने की सफलता भी मिल गई है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस तकनीक से कम जगह में एक ही एक साथ दो फसलों की खेती की जा सकेगी. इससे खास कर छोटी जोत वाले किसानों को काफी फायदा होगा.
एक पैधे से इतना होगा उत्पादन
वैज्ञानिकों ने खेती की इस नई तकनीक का नाम ‘पोमेटो टेक्नोलॉजी’ रखा है. पोमेटो टेक्नोलॉजी आलू और टमाटर को एक ही पौधे पर उगाने की एक तकनीक है. इसे ग्राफ़्टिंग की मदद से तैयार किया जाता है. ऐसे पोमेटो पौधे को तैयार करने के लिए, आलू के पौधे पर टमाटर या चेरी टमाटर की उन्नत किस्म की ग्राफ़्टिंग की जाती है. पोमेटो पौधे को आप गमले, बालकनी या घर की छत पर भी लगा सकते हैं. अगर आप गमले में एक पोमेटो पौधा रोपते हैं, तो उससे करीब 2 किलो टमाटर और 800 ग्राम तक आलू का उत्पादन होगा.
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महंगाई से मिलेगी राहत
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक के आने से खेती के लिए अधिक जगह की समस्या खत्म हो गई है. अब लोग घरों की छत पर भी गमले में भी ‘पोमेटो टेक्नोलॉजी’ से आलू और टमाटर पैदा कर सकते हैं. इस महंगाई में लोग ‘पोमेटो टेक्नोलॉजी’ से हर महीने काफी रुपये बचा पाएंगे. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षो में इस तकनीक से खेती-किसानी में क्रांति आ जाएगी. खास कर शहरी क्षेत्रों के लोगों को बहुत अधिक फायदा होगा.
15 दिन बाद कर सकते हैं बुवाई
बता दें कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान यूपी के वाराणसी में स्थित है. यहां के वैज्ञानिकों ने पिछले साल ही ग्राफ्टिंग विधि से नया पौधा तैयार किया था, जिसे ‘पोमेटो’ नाम दिया गया. वैज्ञानिकों के अनुसार इस विधि से खेती करने पर 45 से 60 दिन में आलू और टमाटर की पैदावार होने लगेगी. वहीं, आलू और टमाटर के पौधे को साथ उगाने के लिए 20 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान रखना होगा. ग्राफ्टिंग करने के 15 दिन बाद पौधों को खेत या गमले में लगाया जा सकता है.
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