इस राज्य में 100 लाख टन से अधिक खरीदा गया धान, 25 नवंबर से शुरू होगी गन्ने की पेराई

पंजाब में 15 चीनी मिलें (नौ सहकारी और छह निजी मिलें) हैं, जिनसे लगभग 700 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि राज्य में इस सीजन में 62 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पेराई कार्य शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं.

पंजाब में धान खरीद में आ रही है तेजी. Image Credit: tv9

पंजाब में धान की खरीद ने रफ्तार पकड़ ली है. राज्य में मंगलवार को धान खरीद 100 लाख टन को पार कर गई. प्रदेश भर की मंडियों में कुल 111 लाख टन धान की आवक हुई है. इसमें से अब तक 105.09 लाख टन अनाज की खरीद की जा चुकी है. वहीं, राज्य सरकार ने धान खरीद के बदले 2,2047 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. हालांकि, इस साल कुल आवक और खरीद 185 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है.

खास बात यह है कि पटियाला जिले में सबसे अधिक 9.42 लाख टन धान की खरीद की गई है. इसके बाद फिरोजपुर में 8.14 लाख टन, तरनतारन में 7.26 लाख टन, जालंधर में 7.16 लाख टन और संगरूर में 7.10 लाख टन धान खरीदा गया है. दरअसल, बीते दिनों केंद्र सरकार ने दावा किया था कि पंजाब से धान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा. इसके लिए किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. साथ ही समय पर बकाया भुगतान होगा. यही वजह है कि केंद्र के ऐलान के बाद प्रदेश में धान खरीदी में तेजी आई.

25 नवंबर से शुरू होगी गन्ने की पेराई

वहीं, पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में गन्ने की पेराई 25 नवंबर से शुरू होगी. यह फैसला आज राज्य गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुद्डियां ने की. खुद्डियां ने कहा कि पंजाब में गन्ने की फसल के रकबे में 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. इस साल, गन्ने की खेती 1 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले साल लगभग 95,000 हेक्टेयर से अधिक है.

700 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई होने की उम्मीद

पंजाब में 15 चीनी मिलें (नौ सहकारी और छह निजी मिलें) हैं, जिनसे लगभग 700 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि राज्य में इस सीजन में 62 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पेराई कार्य शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं, साथ ही इस बात पर जोर दिया कि किसानों को अपनी उपज बेचने और समय पर भुगतान पाने में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए.