पिछले चार सालों में बारिश उच्चतम स्तर पर, फसल उत्पादन में हुई जोरदार बढ़ोतरी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जून से सितंबर तक पूरे देश में बारिश औसत का 107.6% रही. IMD के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में 9% और अगस्त में 15.3% औसत से अधिक बारिश हुई. सितंबर में भारत में औसत से 11.6% अधिक बारिश हुई.

खेत में यूरिया देता किसान Image Credit: pixelfusion3d/E+/Getty Images

भारत में इस साल बारिश अनुमान से अधिक हुई. साल 2020 के बाद सबसे इस साल बारिश अच्छी रही. जिसकी वजह से पिछले साल के सूखे से उबरने में मदद मिली. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जून से सितंबर तक पूरे देश में बारिश औसत का 107.6% रही. IMD के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में 9% और अगस्त में 15.3% औसत से अधिक बारिश हुई. सितंबर में भारत में औसत से 11.6% अधिक बारिश हुई. इसके साथ ही भारत ने शनिवार को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिए.

मानसून में देरी के चलते सितंबर में औसत से अधिक बारिश ने भारत के कुछ क्षेत्रों में चावल, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालों जैसी कुछ गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों को नुकसान पहुंचा. लेकिन इसकी वजह से जिससे सर्दियों में बोई जाने वाली फसलों जैसे कि गेहूं, रेपसीड और चना की बुआई को फायदा होगा. फिलिप कैपिटल इंडिया में कमोडिटी रिसर्च के उपाध्यक्ष अश्विनी बंसोड़ ने इसपर प्रतिक्रिया दिया है. गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों की बड़ी फसल प्राप्त कर सकते हैं, जिससे सरकार को कुछ मामलों में व्यापार प्रतिबंधों में ढील देने में मदद मिल सकती है.

अरुणाचल प्रदेश में 7.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 20% अधिक है. असम में 8.3 मिमी बारिश हुई. जबकि मेघालय में 5.8 मिमी बारिश हुई, जो 57% कम है. नागालैंड में 3.6 मिमी बारिश हुई, जो 25% कम है. मणिपुर में 2.4 मिमी बारिश हुई, जो 58% कम है. मिजोरम में 1.0 मिमी वर्षा हुई, जो 88% कम है. त्रिपुरा में 11.4 मिमी बारिश हुई. सिक्किम में 0.3 मिमी बारिश हुई. पश्चिम बंगाल में 0.4 मिमी वर्षा हुई, जो 94% कम है. झारखंड में 0.7 मिमी वर्षा हुई. बिहार में 0.3 मिमी वर्षा हुई.