UP के 15 जिलों में रेशम उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा, 7,500 ग्रामीण समूहों को होगा फायदा
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 तक रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए 7,500 ग्रामीण समूहों को आजीविका मिशन से जोड़ने की योजना बनाई है. 15 जिलों में आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के साथ रेशम उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. 5,000 महिला समूहों के 50,000 सदस्य इससे जुड़ेंगे. ODOP योजना के तहत रेशम को नई पहचान मिलेगी. मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना और निर्यात में 28 गुना वृद्धि इसका प्रमाण है.
Silk production: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 की कार्य योजना में रेशम उत्पादन बढ़ाने का टारगेट सेट किया है. इसके तहत 7,500 ग्रामीण समूहों को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जोड़ा जाएगा. राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 15 जिलों में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक खास रणनीति तैयार की है, ताकि इसे तेजी से और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके. इन जिलों में रेशम उत्पादकों को प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीक अपनाने और वित्तीय मदद दी जाएगी, ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें. इस पहल का मकसद पारंपरिक उद्योगों को नवाचार से जोड़ना है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो और लोगों को टिकाऊ आजीविका मिले.
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग के बीच एक समझौता भी हो चुका है, ताकि रेशम उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके. इस समझौते के तहत अगले पांच वर्षों में 5,000 महिला समूहों के 50,000 सदस्यों को रेशम उत्पादन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. रेशम से जुड़े समूहों को बीज, उपकरण और मार्केटिंग की सुविधा दी जाएगी, जिससे उनकी आय बढ़ेगी. यह कदम ODOP (वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट) योजना के तहत रेशम उत्पादन को बढ़ावा देगा और राज्य के पारंपरिक कारीगरों को एक नई पहचान दिलाएगा.
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रेशम उत्पादन 400 मीट्रिक टन
फिलहाल राज्य में सालाना रेशम उत्पादन 400 मीट्रिक टन है, जबकि खपत 3,500 मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, जो ODOP योजना का प्रमुख केंद्र भी है, वहां रेशम की सबसे ज्यादा मांग है. राज्य को रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना की शुरुआत की है.
रेशम का निर्यात 28 गुना बढ़ा
पिछले आठ सालों में राज्य से रेशम का निर्यात 28 गुना बढ़ा है, और इस योजना का मकसद रेशम उत्पादन को और ऊंचाइयों तक पहुंचाना है. रेशम विभाग के मुताबिक अब तक 1,050 महिला समूहों को रेशम उत्पादन से जोड़ा जा चुका है. हर ब्लॉक में रेशम सखियों और ब्लॉक मिशन मैनेजर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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