पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब और हरियाणा से मांगा जवाब, दिल्ली सरकार को भी दिखाया आईना
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश के उल्लंघन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त से एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का कहा है. साथ ही यह बताने को कहा है कि दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध का उल्लंघन क्यों किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा सरकार से अक्टूबर के आखिरी 10 दिनों में खेतों में आग लगने की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दोनों राज्य के सरकारों से स्पष्टीकरण मांगा. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि 2024 की दिवाली 2022 और 2023 की दिवाली से अधिक गर्म होगी.
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश के उल्लंघन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त से एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का कहा है. साथ ही यह बताने को कहा है कि दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध का उल्लंघन क्यों किया गया. पीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार तुरंत जवाब दे कि ऐसा क्यों हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम साथ ही दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी करेंगे कि अनुपालन क्यों नहीं किया गया. हमें इस पर तुरंत सुनवाई करनी होगी. असली समस्या यह है कि यह सब वायु रोकथाम अधिनियम, 1981 के तहत है, जिसमें इस साल संशोधन के बाद केवल दंड का प्रावधान है.
अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार से दिल्ली में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लागू करने पर विचार करने के लिए कहते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को तय की. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का विवरण दिया जाना चाहिए कि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों से संबंधित प्रदूषण फिर से न हो. न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कुछ सख्त कार्रवाई की जरूरत है, जैसे कि उनके परिसरों को सील करना भी हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ करेंगे कि 2025 की दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध पर अदालत के आदेशों का उल्लंघन न हो.
पराली जलाने का टूटा रिकॉर्ट
बता दें इस साल 1 नवंबर यानी शुक्रवार को पूरे पंजाब में पराली जलाने की 587 घटनाएं सामने आईं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इससे पहले एक दिन में पराली जलाने के इतनी अधिक घटनाएं नहीं दर्ज की गई थीं. राज्य में वायु प्रदूषण का आलम यह है कि अमृतसर में शुक्रवार को एक्यूआई 352 पर पहुंच गया. ऐसे में अमृतसर की हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ हो गई. हालांकि, कृषि विभाग पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उनके खिलाफ जुर्माना भी लगाया जा रहा है.