क्या गन्ने के खरीद रेट में होने वाली बढ़ोतरी, किसानों ने राज्य सरकार की ये बड़ी मांग
किसान जे सेल्वाकुमार ने कहा कि गन्ने की खेती साल में केवल एक बार की जाती है. इसलिए इसकी खेती में किसानों को बहुत कम मुनाफा होता है. इसलिए खरीद मूल्य को बढ़ाकर 5,000 रुपये करना बहुत सही कदम होगा. वहीं, सुब्रमण्य शिव सहकारी चीनी मिल के अधिकारियों ने इस मामले में बोलने से इनकार कर दिया.
खेती में बढ़ती लागत और मजदूरों की कमी ने गन्ना किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के किसानों ने गन्ने की खरीद मूल्य बढ़ाने की मांग है. किसानों का कहना है कि खेती में बढ़ती इनपुट लागत और मजदूरों की कमी के चलते किसानों के लिए फायदा कमाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में किसानों ने राज्य सरकार को गन्ने की खरीद मूल्य को बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति टन करने की मांग की है. किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांग पर जरूर फैसला करेगी. ऐसे धर्मपुरी जिले में किसान हर साल करीब 3,500 हेक्टेयर में गन्ने की खेती करते हैं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पालकोड के एक किसान के चिन्नासामी ने बताया कि फसल कटाई के मौसम में प्रति एकड़ गन्ना काटने के लिए कम से कम 12-16 मजदूरों की जरूरत होती है. बाद में, एक एकड़ भूमि को साफ करने में सात से 12 दिन तक का समय लग सकता है. इसलिए, हमारे लाभ का एक बड़ा हिस्सा उत्पादन में चला जाता है. इसके अलावा, पूरे वर्ष हमें खरपतवारों को साफ करने और अपनी उपज की सुरक्षा के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती है. इसलिए, इन सभी इनपुट को पूरा करने के लिए हम खरीद मूल्य में वृद्धि चाहते हैं.
खेती में आती है इतनी लागत
मोरपुर के किसान आर शिवकुमार ने बताया कि आगामी महीने में सुब्रमण्य शिव सहकारी चीनी मिल गन्ने की पेरराई के लिए फैक्टरी खोलेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को प्रति एकड़ कम से कम 50,000 रुपये खरीद मूल्य की घोषणा करनी चाहिए, क्योंकि मजदूरी लागत, उर्वरक और कृषि उपकरणों की कीमत कई गुना बढ़ गई है. पिछले साल, 10.98 प्रतिशत रिकवरी दर के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बावजूद, हमें केवल 3,743 रुपये प्रति टन का भुगतान किया गया था. हालांकि, इस साल गन्ना खरीद रेट में बढ़ोतरी करनी चाहिए.
अधिकारियों ने बोलने से किया इनकार
हरुर के जे सेल्वाकुमार ने कहा कि गन्ने की खेती साल में केवल एक बार की जाती है. इसलिए इसकी खेती में किसानों को बहुत कम मुनाफा होता है. इसलिए खरीद मूल्य को बढ़ाकर 5,000 रुपये करना बहुत सही कदम होगा. वहीं, सुब्रमण्य शिव सहकारी चीनी मिल के अधिकारियों ने इस मामले में बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को उनकी उपज के लिए उचित भुगतान किया जाए.