सरकार ने 3 लाख से अधिक किसानों का माफ किया लोन, जारी किए 2,747 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री ने फसल ऋण माफी के नाम पर केसीआर पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि साल 2018 से 2023 तक, बीआरएस सरकार ने चार साल तक एक पैसा भी जारी नहीं किया. पिछले एक साल में, कांग्रेस सरकार द्वारा 11,000 करोड़ रुपये जारी किए गए.

किसानों का माफ हुआ लोन. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: tv9

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने फसल ऋण माफी के लिए 2,747 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिससे 3.14 लाख किसान परिवारों सीधा फायदा हुआ है. अब तक सरकार ने ऋण माफी योजना पर करीब 21,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है, जिससे करीब 25 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं. सीएम का कहना है कि कांग्रेस की सरकार प्रदेश में किसानों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है. लेकिन विपक्ष इसमें अड़ंगा लगा रहा है. उन्होंने शनिवार को महबूबनगर में रायथु सदासु (किसान सम्मेलन) को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव और पूर्व विधायक टी हरीश राव पर विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया.

सीएम रेवंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केसीआर को फसल ऋण माफी पर बहस के लिए आने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पीएम मोदी और केसीआर को मेरे साथ बहस के लिए आने की चुनौती देता हूं. 10 महीनों में मेरी सरकार ने लाखों किसान परिवारों को लाभ पहुंचाते हुए 17,869 करोड़ रुपये माफ किए. क्या कोई अन्य राज्य इसकी बराबरी कर सकता है?

चार साल तक एक पैसा भी जारी नहीं किया

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फसल ऋण माफी के नाम पर केसीआर पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि साल 2018 से 2023 तक, बीआरएस सरकार ने चार साल तक एक पैसा भी जारी नहीं किया. पिछले एक साल में, कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए आउटर रिंग रोड को बेचने के बाद, 11,000 करोड़ रुपये जारी किए गए. इसमें से 8,596 करोड़ रुपये संचित ब्याज की ओर गए और केवल 2,500 करोड़ रुपये किसानों द्वारा लिए गए फसल ऋण की मूल राशि की माफी के लिए गए.

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ठेकेदारों को 1.83 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए

उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर ने कालेश्वरम, पलामुरु-रंगारेड्डी और अन्य सिंचाई पहलों जैसी परियोजनाओं के निर्माण के लिए ठेकेदारों को 1.83 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए. उन्होंने कहा कि सुंदिला, मेदिगड्डा और अन्नाराम बैराज के ढहने के बावजूद, तेलंगाना ने 153 एलएमटी धान की बंपर फसल हासिल की. उन्होंने केसीआर पर महबूबनगर की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि बीआरएस शासन के तहत इसकी सिंचाई परियोजनाओं पर 20,000 करोड़ रुपये से भी कम खर्च किए गए. सीएम ने कहा कि अगर केसीआर कालेश्वरम पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, तो मैं पांच साल में महबूबनगर के विकास पर 1 लाख करोड़ रुपये क्यों नहीं खर्च कर सकता?

विकास के लिए भूमि अधिग्रहण जरूरी है

रेवंत ने कहा कि विकास के लिए भूमि अधिग्रहण जरूरी है, जिसके लिए किसान को अपनी जमीन गंवानी पड़ती है. मेरे पास उचित मुआवजा सुनिश्चित करने की ताकत है, जिसके लिए 20 लाख रुपये प्रति एकड़ तक की पेशकश की गई है. लेकिन किसान बीआरएस नेताओं की हरकतों से गुमराह न हों, क्योंकि इससे आपको जेल हो सकती है. रेवंत ने कोडंगल में औद्योगिक पार्क की स्थापना का विरोध करने के लिए बीआरएस की आलोचना की.

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