70 दिनों में लखपति बना देगी यह फसल, कम लागत में होगा जबरदस्त मुनाफा

उड़द की बुवाई कूंडो में करनी चाहिए. खास बात यह है कि एक कूंड से दूसरे कूंड की दूरी 20-25 सेमी रखनी चाहिए. इससे पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है. वहीं, बुवाई करने के तुरंत बाद पाटा लगा दें. इससे उड़द के दाने सही तरह से अंकुरित होते हैं.

इस फसल की खेती करने पर हो जाएंगे मालामाल. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: TV9 Bharatvarsh

पिछले करीब दो साल से दालों की कीमत में आग लगी हुई है. मसूर, अरहर, मूंग और उड़द सहित लगभग सभी तरह की दालें बहुत महंगी बिक रही हैं. ऐसे में अगर आप दलहनी फसलों की खेती करते हैं, तो बंपर कमाई होगी. बड़ी बात यह है कि दलहनी फसलों की खेती में ज्यादा लागत भी नहीं आती है. बहुत कम सिंचाई और कम अवधि में ही फसल तैयार हो जाती है. अगर किसान उड़द दाल की खेती करें, तो उन्हें और ज्यादा आमदनी होगी, क्योंकि इसकी फसल 65 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है. बस इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान देना होगा.

उड़द एक जायद फसल है. सरसों और गेहूं की कटाई के बाद इसकी खेती की जाती है. ऐसे उड़द की बुवाई के लिए जून के आखरी हफ्ते से लेकर जुलाई के पहले हफ्ते के बीच का समय बेहतर माना गया है. अगर किसान दोनट मिट्टी में इसकी बुवाई करते हैं, तो और ज्यादा पैदावार मिलेगी. हालांकि, उड़द की बुवाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से दो से तीन बार जुताई करनी होगी. इसके बाद पाटा चलाकार खेत को समतल करना होगा, ताकि पूरे खेत में सिंचाई का पानी उचित मात्रा में पहुंच सकें.

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स्प्रिकलर तकनीक से करें सिंचाई

कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि उड़द की बुवाई कूंडो में करनी चाहिए. खास बात यह है कि एक कूंड से दूसरे कूंड की दूरी 20-25 सेमी रखनी चाहिए. इससे पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है. वहीं, बुवाई करने के तुरंत बाद पाटा लगा दें. इससे उड़द के दाने सही तरह से अंकुरित होते हैं. किसानों को बुवाई करने के 35 दिन बाद ही पहली सिंचाई करनी चाहिए. अगर आप पहली सिंचाई समय से पहले कर देते हैं, तो जड़ों और ग्रन्थियों का विकास सही तरह से नहीं हो पाएगा. अगर आप चाहें, जरूरत पड़ने पर पहली सिंचाई के 15 दिन बाद फिर से खेत में पानी लगा सकते हैं. अगर आप स्प्रिकलर तकनीक से सिंचाई करते हैं, तो पौधों को ज्यादा लाभ पहुंचेगा.

ये हैं बेहतरीन किस्में

ऐसे मार्केट में उड़द की कीई किस्में हैं, लेकिन आजाद उर्द–1, आई.पी.यू.2-43, नरेन्द्र उर्द-1, सुजाता, टा.–9, उत्तरा,शेखर-2, आजाद उर्द-2 और माश-479 की बुवाई करना ज्यादा अच्छा रहेगा. खास बात यह है कि 25-30 किलो बीज ही प्रति हेक्टेयर बुवाई करें. ऐसे उड़द की पैदावार 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अभी मार्केट में उड़द का मंडी रेट करीब 10 हजार रुपये क्विंटल है. इस तरह आप एक हेक्टेयर में उड़द की खेती से 70 दिन के अंदर ही मिनिमम 1.5 से 2 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं.

इन बातों का रखें ख्याल

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