MSP से कम दाम पर सरसों बेचने के लिए मजूबर किसान, जान लीजिए एक टिन कच्ची घानी तेल का भाव
Mustard Oil Price: भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 55 फीसदी आयात पर निर्भर. बाजार में चर्चा गर्म है कि सरकार 15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू करेगी. इस बार सरसों का उत्पादन भी कम हुआ है. इसलिए किसान सरकार की खरीद का इंतजार कर रहे हैं.

Mustard Oil Price: विदेशी में मजबूती के रुख के बीच मंडियों में सरसों, सोयाबीन और बिनौला की आवक घटने के चलते देश के तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (CPO) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल की थोक कीमतों में सुधार देखने को मिला. वहीं कारोबार कमजोर रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पुराने स्तर पर बंद हुए. मलेशिया एक्सचेंज में एक फीसदी से अधिक का सुधार है, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात भी मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल इसमें सुधार चल रहा है.
सरसों का उत्पादन कम
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों का उत्पादन इस बार कम है. उसके बावजूद किसानों को अपना सरसों 5,950 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बजाय स्पॉट मार्केट में 5-7 फीसदी नीचे दाम यानी 5,500-5,600 रुपये क्विंटल के भाव बेचना पड़ रहा है. यह बहुत खतरनाक स्थिति है कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 55 फीसदी आयात पर निर्भर इस देश के किसानों को अपनी उपज MSP से कम दाम पर बेचनी पड़े. इस विसंगति को समझे और उसका स्थायी निराकरण किये बगैर देश में तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाना असंभव है.
सरसों की खरीद शुरू करेगी सरकार?
उन्होंने कहा कि बाजार में चर्चा गर्म है कि सरकार 15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू करेगी. इन अटकलों के कारण भी आवक घटी है, क्योंकि किसान किसी भी सूरत में MSP से कम दाम नहीं चाहते और इसलिए अपनी उपज को रोक रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि कल रात शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार रहने की वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में सुधार आया. जबकि मलेशिया एक्सचेंज के एक फीसदी से अधिक मजबूत होने के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में सुधार आया.
मंडियों में कम आवक
उन्होंने कहा कि बाजार में बिनौले की उपलब्धता कम रह गई है. बिनौला तेल के मुकाबले सूरजमुखी और पामोलीन जैसे आयातित तेलों का दाम 10-15 रुपये किलो अधिक है. कम दाम होने की वजह से मांग बढ़ने के कारण बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ. सूत्रों ने कहा कि मंडियों में कम आवक और सस्ता होने के कारण मांग बढ़ने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पुराने स्तर पर बने रहे.
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे
- सरसों तिलहन – 6,140-6,240 रुपये प्रति क्विंटल.
- सरसों तेल दादरी- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल.
- सरसों पक्की घानी- 2,360-2,460 रुपये प्रति टिन.
- सरसों कच्ची घानी- 2,360-2,485 रुपये प्रति टिन.
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