रूस सहित इन देशों में गेहूं उत्पादन में भारी गिरावट की संभावना, जानें इसके पीछे की वजह

यूरोपीय देशों ने 2021 से बेहतरीन क्वालिटी वाले बीजों पर एक्सपोर्ट ड्यूटी और इंपोर्ट कोटा लगा रखा है. इससे भी रूस में पैदावार प्रभावित हुई है. क्योंकि रूस में फसलों के बीजों की क्वालिटी यूरोप के मुकाबले थोड़ी कम होती है.

पूरे विश्व में गेहूं की पैदावार प्रभावित! Image Credit: tv9

जलवायु परिवर्तन और जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते इस साल ग्लोबल स्तर पर गेहूं के उत्पादन में गिरावट आ सकती है. इससे पूरी दुनिया में फूड क्राइसिस पैदा हो सकता है. हालांकि ग्लोबल मार्केट में अभी से गेहूं के ऊपर संकट के बादल मडरा रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक रूस में इस बार फसलों के ऊपर सबसे अधिक जलवायु परिवर्तन का असर देखने को मिल रहा है. यहां पर कई सालों के बाद फसलों के अनुकूल सर्दी नहीं पड़ रही है. इससे पैदावार प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है.

कहा जा रहा है कि रूस में 23 साल बाद सर्दी में उगाई जाने वाली फसलों के ऊपर मौसम की मार पड़ी है. इससे करीब 38 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है. खास बात यह है कि रूस में इस बार केवल 31 फीसदी ही फसलें ही अच्छी स्थिति में हैं, जो पिछले साल के 74 फीसदी से काफी कम है. वहीं, रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते भी पूरी दुनिया में गेहूं का मार्केट प्रभावित हुआ है. इसके चलते इस साल गेहूं की ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है.

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अच्छी क्वालिटी के बीजों की कमी

जानकारों का कहना है कि पिछले साल अप्रैल से अक्तूबर के दौरान रूस में सूखे ने फसल को प्रभावित किया. हालांकि, रूसी अनाज यूनियन (आरजीयू) का कहना है कि केवल प्रतिकूल मौसम ही फसल को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार नहीं है. आरजीयू के मुताबिक, एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी में गिरावट के चलते भी फसल के ऊपर असर पड़ा है. खास कर किसानों को बेहतर क्वालिटी के बीज उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. क्योंकि यूरोपीय देशों ने 2021 से बेहतरीन क्वालिटी वाले बीजों पर एक्सपोर्ट ड्यूटी और इंपोर्ट कोटा लगा रखा है. इससे भी रूस में पैदावार प्रभावित हुई है. ऐसे भी रूस के बीजों की गुणवत्ता यूरोप के मुकाबले थोड़ी कम होती है.

कृषि मशीनों की बिक्री हुई कम

जंग की वजह से रूस में महंगाई भी बढ़ गई है. इससे यहां पर कृषि उपकरण भी महंगे हो गए हैं. ऐसे में किसान मॉडर्न कृषि मशीने नहीं खरीद पा रहे हैं. इसका अंदाजा आप कृषि उपकरणों की बिक्री में गिरावट आने से लगा सकते हैं. साल 2024 में कृषि उपकरणों की बिक्री में 16.5 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि अनाज हार्वेस्टर उत्पादन 18 फीसदी कम हुआ है. वहीं, महंगाई के चलते उर्वरक की कीमतें भी बढ़ गई हैं. इससे किसान कम मात्रा में उर्वरक का इस्तेमाल कर रहे हैं.

रूस का अनाज प्रोडक्शन 2022 के रिकॉर्ड 15.36 करोड़ टन से घटकर 2024 में 13 करोड़ टन पर आ गया. हालांकि, सरकार ने 2030 तक अनाज उत्पादन बढ़ाकर 17 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है.

गेहूं के उत्पादन में गिरावट की संभावना

अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के लिए गेहूं के वैश्विक उत्पादन में गिरावट आ सकती है. यूएसडीए का कहना है कि पूरे विश्व में गेहूं का उत्पादन 6 लाख टन घटकर 106 करोड़ टन रहने की संभावना है. खास कर यूएसडीए ने यूरोपीय संघ और ब्राजील में उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट आने की संभावना जताई है. वहीं, ईयू का उत्पादन 13 लाख टन घटकर 12.13 करोड़ टन रहने का अनुमान है.

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