UP में आधे रेट पर मिल रहा है गेहूं का बीज, बुवाई करने से पहले जान लें कृषि वैज्ञानिकों की जरूरी सलाह

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि किसानों को सब्सिडी पर उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अभी DBW-222, HD-3086, HD-2967, DBW-187, HD- 3226 और DBW-252 किस्म का वितरण किया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि समय और देर से बोये जाने वाली गेहूं की किस्में भी किसानों के लिए उपलब्ध हैं.

यूपी में गेहूं किसानों के लिए खुशखबरी है. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: tv9

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धान की कटाई शुरू हो गई है. इसके बाद किसान रबी फसल की बुवाई करेंगे. लेकिन बहुत से किसानों ने अभी से ही खेतों की जुताई शुरू कर दी है. इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी फसल की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों को बहुत बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इस रबी सीजन में करीब 5 लाख क्विंटल गेहूं का बीज सब्सिडी पर वितरित कर रही है. खास बात यह है कि भारी संख्या में किसानों ने सब्सिडी वाले बीज की खरीद भी शुरू कर दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक 70 फीसदी गेहूं का बीज सब्सिडी पर वितरित किया जा चुका है. अभी राज्य सरकार पीओएस के माध्यम से बीज का वितरण कर रहा है. खास बात यह है कि सब्सिडी राशि काटने के बाद किसानों को आधी कीमत पर गेहूं का बीज मिल रहा है. राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना है कि किसानों की मांग के अनुसार अलग-अलग जिलों में गेहूं बीज का आवंटन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कई जिलों की मांग पर कृषि विभाग द्वारा 1.08 लाख क्विंटल अतिरिक्त गेहूं के बीज का आवंटन किया गया है.

ये हैं गेहूं की बेहतरीन किस्में

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि किसानों को सब्सिडी पर उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अभी DBW-222, HD-3086, HD-2967, DBW-187, HD- 3226 और DBW-252 किस्म का वितरण किया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि समय और देर से बोये जाने वाली गेहूं की किस्में भी किसानों के लिए उपलब्ध हैं. अगर किसान समय पर बुवाई करना चाहते हैं, सबौर समृद्धि, HI 1563 और देर से बुआई के लिए सबौर श्रेष्ठ किस्म की खरीद सकते हैं. वहीं, असिंचित क्षेत्र के किसान सबौर निर्जल की बुवाई कर सकते हैं.

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गेहूं बुवाई के बाद करें ये काम

कृषि वैज्ञानिकों ने प्रदेश के गेहूं किसानों को खास सलाह दी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान गेहूं बुवाई करते समय प्रति एकड़ की दर से 50 किलो डीएपी का इस्तेमाल करें. पहली सिंचाई के बाद 56 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दर से खेत में डाल सकते हैं. इससे फसल की ग्रोथ अच्छी होती है. साथ ही किसान फसल को खरपतवार से बचाना चाहते हैं, तो बुवाई के 30 दिन बाद सल्फोसल्फ्यूरॉन और मेटसल्फ्यूरॉन (टोटल) 16 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 120 से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. अगर खेत में मकोए या भांग जैसे खरपतवार ज्यादा हो तब क्लोडिनाफाप (160 ग्राम प्रति एकड़ और कार्पेन्ट्रोजोन (20 ग्राम/एकड़) की दर से 120 से 150 लीटर पानी में घोल कर मिश्रण तैयार कर लें. इसके बाद फसलों के ऊपर छिड़काव कर सकते हैं.

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