3 साल के शीर्ष पर पहुंचा देश में गेहूं का स्टॉक, चावल के भंडारण में भी जबरदस्त उछाल
सरकारी गोदामों में 1.18 करोड़ टन गेहूं और 6.3 करोड़ टन चावल का रिकॉर्ड स्टॉक है, जो सरकार के तय लक्ष्य से कहीं ज्यादा है. गेहूं स्टॉक में 57 फीसदी की बढ़ोतरी से सप्लाई की चिंता कम हुई है और कीमतों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी. FCI ने 2025 में 3.1 करोड़ टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार अब चावल के एक्सपोर्ट को बढ़ावा दे सकती है.

Wheat stock: देश के कई राज्यों में गेहूं की कटाई और खरीदी शुरू हो गई है. इसी बीच गेहूं स्टॉक को लेकर एक खुशखबरी आई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 57 फीसदी बढ़कर पिछले तीन सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. इससे घरेलू बाजार में सप्लाई को लेकर बनी चिंता कम हो गई है, जिससे इस साल की शुरुआत में गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं. एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादा ओपनिंग स्टॉक से सरकार को साल के बाकी समय में कीमतों को कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी. भले ही भारतीय खाद्य निगम (FCI) घरेलू खरीदी का अपना लक्ष्य पूरा न कर पाए.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल को सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 1.18 करोड़ मीट्रिक टन रहा, जो कि सरकार के तय लक्ष्य 74.6 लाख टन से कहीं ज्यादा है. यह स्टॉक पिछले साल की तुलना में 40 लाख टन ज्यादा है. एक ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म के नई दिल्ली स्थित डीलर ने कहा कि अगर इस साल भी सरकार गेहूं की खरीद का लक्ष्य नहीं हासिल कर पाती, जैसे पिछले साल हुआ था, तब भी खुले बाजार में बेचने के लिए उनके पास भरपूर स्टॉक रहेगा.
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3.1 करोड़ टन है गेहूं खरीदने का लक्ष्य
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 2025 में किसानों से 3.1 करोड़ टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. पिछले साल यह लक्ष्य 3 से 3.2 करोड़ टन था, लेकिन FCI सिर्फ 2.66 करोड़ टन ही खरीद सका. पिछले तीन सालों की कमजोर फसल और FCI की कम खरीद के कारण गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ीं और उम्मीदें जताई जाने लगीं कि भारत को सात साल में पहली बार गेहूं आयात करना पड़ सकता है. हालांकि, अब तक सरकार ने गेहूं आयात की मांग को ठुकरा दिया है.
FCI खरीद पिछले साल के मुकाबले अधिक
इस साल की शुरुआत में ही गेहूं की खरीद तेजी से हो रही है और FCI की खरीद पिछले साल के मुकाबले काफी आगे है.1 अप्रैल तक सरकारी गोदामों में चावल (जिसमें धान भी शामिल है) का स्टॉक रिकॉर्ड 6.3 करोड़ टन तक पहुंच गया है, जो सरकार के तय लक्ष्य 1.36 करोड़ टन से काफी ज्यादा है.
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चावल एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
ट्रेड और इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सरकारी गोदामों में चावल का अधिक स्टॉक होने से भारत घरेलू सप्लाई को प्रभावित किए बिना एक्सपोर्ट बढ़ा सकता है. कोलकाता के एक बड़े चावल निर्यातक ने कहा कि FCI के पास जरूरत से कहीं ज्यादा चावल मौजूद है. सरकार अब कोशिश करेगी कि नई फसल से और ज्यादा खरीदने की जरूरत न पड़े. इसलिए एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और अकेले ही ग्लोबल चावल एक्सपोर्ट का करीब 40 फीसदी हिस्सा रखता है.
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