Rohit Kumar Ojha

रोहित कुमार ओझा मनी9 के साथ बतौर चीफ सब एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. दुनिया भर की आर्थिक हलचल पर नजर रहती है. शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच तेजी से बदलते आंकड़ों की बारिकियों को आसान भाषा में डिकोड करने में दिलचस्पी. टीवी और डिजिटल मीडिया में 6 साल का अनुभव. इससे पहले वे टाइम्स नाउ नवभारत, आजतक, इंडिया टीवी, टीवी9 भारतवर्ष और अमर उजाला में अलग-अलग भूमिका में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

Read More
Rohit Kumar Ojha

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

अक्टूबर 2024 तक 159.4 अरब डॉलर का प्रबंधन करने वाली बुटीक निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडानी के स्टॉक्स में एक प्रमुख निवेशक रही है.

सोने की कीमतें एक समय 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई थीं. लेकिन इसके बाद रेट में गिरावट आई और ये 75 हजार रुपये के नीचे आ गया. हालांकि, एक बार फिर से गोल्ड की कीमतें बढ़ने लगी हैं.

यह इश्यू बुधवार, 13 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला और सोमवार 18 नवंबर को क्लोज हुआ. जिंका लॉजिस्टिक्स को ब्लैकबक (Blackbuck) भी कहा जाता है. ब्लैकबक भारत का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफार्म है जो ट्रक ऑपरेटरों के लिए टोलिंग, फ्यूलिंग और फाइनेंसिंग जैसी सेवाएं मुहैया कराता है.

अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने बुधवार को बताया कि अडानी समूह के अरबपति चेयरमैन और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक गौतम अडानी पर अरबों डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी के मामले में उनकी भूमिका के लिए न्यूयॉर्क में अभियोग लगाया गया है.

देश के टॉप शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में बंपर तेजी देखने को मिली है. दिल्ली एनसीआर में नए घरों के रेट सबसे अधिक बढ़े हैं. एनारॉक के डेटा से पता चलता है कि देश के टॉप के शहरों में बेचे गए घरों की औसत कीमत वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 1.23 करोड़ रुपये रही.

मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान की मांग को अंतिम रूप देने में जुटे थे. देश में अस्थिरता का माहौल था. इस बीच जून 1946 में कोलकाता में एक एयरलाइन की नींव पड़ी. नाम रखा गया ओरिएंट एयरवेज.

ग्लोबल कंपनियां अपना प्रोडक्शन तेजी से चीन से बाहर लेकर जा रही हैं. इसके पीछे की बड़ी वजह अमेरिका के नए निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन को लेकर सख्त रवैया है.