Yateendra Lawaniya

डिजिटल, प्रिंट और टीवी पत्रकारिता में देश के कई प्रमुख मीडिया हाउसों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव है। अंतरराष्ट्रीय मामलों, बड़ी टेक कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठनों और नीति विश्लेषण में गहरी रुचि रखता हूं। प्रमुख टेक दिग्गजों के उदय और प्रभाव को व्यापक रूप से कवर किया है, उनकी रणनीतियों, बाजार की हलचलों और नियामक चुनौतियों का विश्लेषण किया है। वैश्विक बाजारों पर तकनीकी प्रगति के प्रभाव की जांच करते हुए इसे पाठकों तक सहज भाव से परोसने की कोशिश रहती है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक-सामाजिक नीतियों का विश्लेषण कर इनके प्रभावों को आसान भाषा में पेश करने की कोशिश रहती है। इसके अलावा नीतिगत निर्णयों पर संतुलित दृष्टिकोण के साथ संभावित लाभ और हानियों को उजागर करने का प्रयास रहता है.

Read More
Yateendra Lawaniya

भारतीय प्रतिभूति बाजार (सेबी) ने निवेशकों को अपना नॉमिनी चुनने के लिहाज से बड़ी आजादी दी है. 30 सितंबर को हुई बोर्ड बैठक में सेबी ने तय किया है कि अब बाजार से जुड़े सभी संस्थानों में नॉमिनेशन से जुड़े नियम और प्रक्रिया समान होगी.

बाजार नियामक सेबी ने परोक्ष रूप से प्रबंधित की जाने वाली योजनाओं के लिए म्यूचुअल फंड लाइट (एमएफ लाइट) फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है. इसमें प्रायोजकों की पात्रता और अनुपालन संबंधी नियमों को स्पष्ट किया गया है.

सेबी देश में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्य से सहमत है. 30 सितंबर को हुई बोर्ड मीटिंग में इसके लिए बाजार नियामक ने कंपनियों को जल्द निवेश जुटाने में सक्षम बनाने के लिए राहत का एलान किया है. इसके लिए सेबी राइट्स इश्यू संबंधी नियमों में ढील देने को तैयार है.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलर ग्रुप हिंडनबर्ग की तरफ से हितों के टकराव संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद सेबी की पहली बोर्ड बैठक हुई. बैठक में न तो बुच पर लगे आरोपों को लेकर कोई बात हुई. न फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग पर कड़ाई करने का कोई फैसला लिया गया.

केंद्र सरकार ने Post office Small Savings Schemes सहित अपनी तमाम बचत योजनाओं के लिए लेटेस्ट ब्याज दरें घोषित कर दी हैं. आइए, जानते हैं मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के लिए इन योजनाओं में किस तरह के बदलाव किए गए हैं.

शेयर बाजार की गिरावट के बाद सोमवार को आर्थिक मोर्चे पर एक और झटका लगा है. अगस्त में देश के 8 कोर उद्योगों के आउटपुट में 1.8 फीसदी की गिरावट आई है.

अगस्त तक देश का राजकोषीय घाटा बजट लक्ष्य के 27 फीसदी तक पहुंच गया. सोमवार को लेखा महानियंत्रक (सीएजी) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल-जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा 2.77 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो बजट अनुमान के 17.2 फीसदी के बराबर था. इस तरह एक ही महीने में यह घाटा 10 फीसदी के करीब बढ़ा है.

17 सितंबर से 27 सितंबर तक भारतीय बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगातार 8 कारोबारी सत्र तक हर दिन रिकॉर्ड हाई लेवल बनाते रहे. हालांकि, पिछले सप्ताह आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को बाजार लाल निशान में बंद हुए. इसके बाद सोमवार को दोनों बेंचमार्क इंडेक्स 1.5% के करीब गिर गए. सेंसेक्स जहां 1200 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 84,299.78 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 350 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 25,810.85 पर बंद हुआ.