नहीं बिक रहीं गाड़ियां, सितंबर की सेल्स में भारी गिरावट, डीलर्स के पास लगा कारों का अंबार

FADA ने कहा कि गणेश चतुर्थी और ओणम जैसे त्यौहार में भी गाड़ियों की मांग नहीं बढ़ी. गाड़ियों के नहीं बिकने चलते पैसेंजर व्हीकल्स डीलरशिप को अब तक की सबसे हाई इन्वेंट्री लेवल का समाना करना पड़ रहा है.

गाड़ियों की बिक्री में गिरावट से दबाव में डीलर्स. Image Credit: General_4530/Moment/Getty Images

भारतीय मार्केट में सितंबर के महीने में गाड़ियों की बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की सेल्स रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में ओवरऑल ऑटोमोबाइल सेल्स में 9.26 फीसदी की गिरावट आई है. ये गिरावट सभी सेगमेंट में देखने को मिली है. FADA ने कहा कि गणेश चतुर्थी और ओणम जैसे त्यौहार में भी गाड़ियों की मांग नहीं बढ़ी. गाड़ियों के नहीं बिकने चलते पैसेंजर व्हीकल्स डीलरशिप को अब तक की सबसे हाई इन्वेंट्री लेवल का समाना करना पड़ रहा है. कुल मिलाकर रिपोर्ट बता रही है कि गाड़ियां बिक नहीं रही हैं.

क्यों आई है गिरावट?

FADA ने कहा कि कमजोर कंज्यूमर सेंटीमेंट, लो इंक्वायरी, पितृपक्ष, और भारी बारिश के कारण देर से हुई खरीदारी के चलते टू व्हीलर्स वाहनों की रिटेल बिक्री में सालाना आधार पर 8.51 फीसदी की गिरावट आई है. पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री पिछले साल की तुलना में 18.81 फीसदी कम हुई है, जबकि कमर्शियल वाहनों की बिक्री में पिछले एक साल में 10.45 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं, मंथली आधार पर इसमें 1.46 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी हुई है.

हाई इन्वेंट्री

FADA ने कहा कि पैसेंजर वाहन डीलरों को 80-85 दिनों का अब तक की सबसे हाई इन्वेंट्री स्तर का सामना करना पड़ रहा है. यह आक्रामक OEM डिस्पैच के कारण 79,000 करोड़ रुपये के 7.9 लाख वाहनों के बराबर है. FADA के अनुसार, डीलर वित्तीय दबाव में हैं और कैश फ्लो की मुश्किलें बढ़ी हैं. इस बार के मॉनसून में सामान्य से 8 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई.

इसकी वजह से कई क्षेत्रों में ऑटो रिटेल प्रदर्शन बाधित हुआ और मांग और वॉक-इन पर निगेटिव असर पड़ा. FADA ने भारतीय रिजर्व बैंक से डीलरों के सामने आने वाले वित्तीय जोखिम को कम करने के लिए चैनल फंडिंग नीतियों पर सख्त दिशानिर्देश जारी करने का भी आग्रह किया.

दबाव में डीलर

आस-पास के महत्वपूर्ण त्यौहारी सीजन को देखते हुए FADA ने OEM से वित्तीय झटके से बचने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया है. FADA ने भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकों को सख्त दिशानिर्देश जारी करने का भी कहा है, जिसमें डीलरों की सहमति और कोलेटरल के आधार पर सख्त चैनल फंडिंग नीतियों को अनिवार्य किया गया है, ताकि डीलरों को बिना बिके स्टॉक के कारण अतिरिक्त वित्तीय दबाव का सामना नहीं करना पड़े.

क्या बढ़ेगी बिक्री?

FADA ने अपने शॉर्ट टर्म आउटलुक पर कहा कि नवरात्रि और दिवाली दोनों एक ही महीने में पड़ने से त्योहारी सीजन में बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है. अच्छे मानसून और बेहतर फसल पैदावार के कारण अनुकूल कृषि परिस्थितियों से 2 व्हीलर्स, पैसेंज वाहन सेगमेंट में बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है.