त्योहारी सीजन में गाड़ी खरीदते वक्त सिर्फ डिस्काउंट और ऑफर्स पर ही न करें गौर, लग सकता है चूना
त्योहारी सीजन में लोग गाड़ियों की खरीद को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं. कंपनियों से लेकर गाड़ियों के डीलर तक, सभी कई तरह के डील्स और ऑफर देते हैं. लेकिन फेस्टिव सीजन में मिलने वाली गाड़ियों की खरीद करनी चाहिए या नहीं?
भारत में त्योहारों का मौसम आने वाला है. यही वह समय होता है जब ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से लेकर सोना, चांदी, गाड़ियों की नई खरीद, सभी पर तमाम तरह के ऑफर पेश किए जाते हैं. ऐसे में लोग गाड़ियों की खरीद को लेकर भी काफी उत्साहित रहते हैं. कंपनियों से लेकर गाड़ियों के डीलर तक, सभी कई तरह के डील्स और ऑफर देते हैं. लेकिन इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि फेस्टिव सीजन में गाड़ियों की खरीद करनी चाहिए या नहीं.
त्योहारी सीजन और डिस्काउंट
त्योहारों के मौसम में अक्सर कार बनाने वाली कंपनियां और डीलर, भर-भर के ऑफर और डिस्काउंट देते हैं. इनकी वजह से गाड़ी की कुल लागत काफी हद तक कम हो जाती है. चूंकि दिवाली के वक्त तमाम चीजों पर ऑफर्स और डिस्काउंट होते हैं इसलिए कई खरीदार इस सीजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इससे इतर त्योहारों के समय में कई गाड़ियों की कंपनियां नए फीचर्स के साथ नए मॉडल लॉन्च करती हैं. वहीं डीलर्स भी इस दौरान बेहतर फाइनेंसिंग विकल्प देते हैं. कम ब्याज दरें और लचीली भुगतान के तरीके लोगों को रास आते हैं. इन ऑफर्स के जरिये खरीदारों पर कम वित्तीय भार पड़ता है. उन्हीं फीचर और डिस्काउंट को देख कर लोग तुरंत खरीदारी कर लेते हैं. लेकिन क्या यह जल्दबाजी सही है?
त्योहारों में खरीदारी करने के नुकसान
त्योहारों में मिलने वाली गाड़ियों पर डिस्काउंट से खरीदार को जितना फायदा होता है उतना ही नुकसान भी होता है. तमाम ऑफर्स और डील्स की चकाचौंध को देखकर खरीदार अक्सर जल्दबाजी कर देते हैं. त्योहारों में ऑफर्स के समाप्ति के काउंटडाउन के चक्कर में लोग बगैर रिसर्च किए जल्दबाजी में गाड़ी की खरीदी कर लेते है. इससे इतर त्योहारी सीजन में डिमांड ज्यादा होने के कारण कई मॉडल्स के स्टॉक में कमी भी आ जाती है. कम स्टॉक को देखकर भी लोग अपने पसंदीदा विकल्पों के खरीद को लेकर समझौता कर देते हैं. वहीं सेल की बढ़ती संख्या के कारण कई गाड़ियों की सर्विस क्वालिटी में गिरावट भी आ जाती है.
खरीदारी का समय समझदारी से करें तय
बेहतर फायदे के लिए केवल डिस्काउंट ही सही मानक नहीं है, बल्कि खरीद के बाद गाड़ी की सही सर्विस भी जरूरी है. इसलिए गाड़ी खरीदते वक्त समय का ध्यान रखना जरूरी है. खरीदारी से पहले सही ढंग से रिचर्स करें, इसके अलावा पसंदीदा मॉडल की जानकारी के लिए दूसरे डीलर्स के पास भी जाएं. अच्छे सौदे का इंतजार करें, तभी खरीदारी करें.