भारत में BYD को टेस्ला जैसा नहीं मिलेगा रेड कारपेट, एंट्री पर लग गया ग्रहण

BYD EV: चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी BYD को भारत में एंट्री नहीं मिलेगी, क्योंकि कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार को पहले यह यकीन होना चाहिए कि वे भारत के नियमों का पालन करेंगे. BYD ने अपने वीचैट अकाउंट पर एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा कि वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना नहीं बना रहे.

BYDको नहीं मिलेगी एंट्री Image Credit: Money9live

BYD India Entry: Tesla की एंट्री की खबर के बाद अब चर्चा चीन की EV बनाने वाली कंपनी BYD की है. इसे लेकर कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अभी के लिए भारत चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी BYD के लिए दरवाजे नहीं खोलेगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत BYD के लिए वैसा ही स्वागत करेगा जैसा टेस्ला के लिए कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि हमें पहले यह यकीन होना चाहिए कि वे भारत के नियमों का पालन करेंगे.

BYD को नहीं मिलेगी एंट्री

सरकार की सोच को समझाते हुए गोयल ने कहा कि “थर्ड कंट्री डंपिंग” यानी किसी तीसरे देश के जरिए सस्ते और अनुचित तरीके से सामान भेजने की घटनाएं बढ़ रही हैं, और जमीन पर कई तरह की अनुचित गतिविधियां देखी जा रही हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि निवेश की इजाजत देते समय देश की रणनीतिक और सुरक्षा से जुड़ी बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

BYD ने क्या कहा

इसी बीच BYD ने उन खबरों को झुठलाया है जिनमें कहा गया था कि वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं. कंपनी ने अपने वीचैट अकाउंट पर एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स “गलत” हैं.

पहले मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि BYD हैदराबाद में करीब 10 अरब डॉलर का निवेश कर एक प्रोडक्शन प्लांट बनाना चाहता है. लेकिन कंपनी ने साफ किया कि ऐसा कोई समझौता या निवेश का फैसला नहीं हुआ है.

BYD कई सालों से भारत में काम कर रही है, लेकिन अभी तक यहां अपनी फैक्ट्री नहीं लगाई है. वे गाड़ियां चीन से मंगवाते हैं, जिस पर भारी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है. इसी वजह से उनकी गाड़ियां महंगी पड़ती हैं और मार्केट में उनकी पकड़ कम है.

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अगर BYD भारत में प्रोडक्शन यूनिट खोल लेता है तो लागत काफी कम हो सकती है, जिससे बिक्री बढ़ सकती है और कंपनी को भारतीय EV बाजार में मजबूती मिल सकती है.

पिछले दो सालों से कंपनी भारत में प्लांट लगाने के विकल्प तलाश रही है, लेकिन चीन से जुड़े निवेशों पर भारत सरकार की सख्ती के चलते दिक्कतें आ रही हैं. 2023 में सरकार ने BYD और उनकी लोकल पार्टनर कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) द्वारा मिलकर दिए गए 1 अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी.