हैदराबाद में BYD जमाएगी डेरा, भारत में पहले प्लांट की तैयारी; हर साल 6 लाख कार बनाने का टारगेट
चीन की इलेक्ट्रिक कार निर्माता BYD भारत में अपना पहला EV मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैदराबाद के पास लगाएगी. तेलंगाना सरकार ने इसके लिए जमीन और अन्य सहायता का आश्वासन दिया है. कंपनी सालाना 6 लाख EVs बनाने और बैटरी प्लांट लगाने की योजना बना रही है. भारत में उत्पादन से कीमतें कम होंगी और EV बाजार बढ़ेगा.

BYD first EV Plant In India: चीन की इलेक्ट्रिक कार निर्माता BYD भारत में अपना पहला प्लांट हैदराबाद के पास स्थापित करेगी. इसके लिए तेलंगाना सरकार ने तीन स्थानों का सुझाव दिया है, जिनमें से कंपनी जल्द ही कोई जगह फाइनल कर सकती है. तेलंगाना पहला राज्य है जहां BYD की फैक्ट्री लगा रही है. राज्य सरकार ने जमीन आवंटन और अन्य सुविधाओं सहित हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. अगर यह प्रोजेक्ट पूरा होता है, तो यह भारत के इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा निजी निवेश होगा.
EV में सबसे बड़ा निजी निवेश
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने फैक्ट्री के लिए हैदराबाद के पास तीन जगहों का सुझाव दिया है. BYD की टीम इन जगहों का निरीक्षण कर रही है और जल्द ही फाइनल फैसला होगा. अगर यह फैक्ट्री बनती है, तो यह भारत में EV सेक्टर में सबसे बड़ा निजी निवेश होगा. इसके साथ ही, कई दूसरी कंपनियां भी EV पार्ट्स बनाने के लिए यहां निवेश कर सकती हैं.
दो साल से कोशिस में थी BYD
BYD पिछले दो साल से भारत में फैक्ट्री लगाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सरकार के चीनी निवेश पर सख्त नियमों की वजह से इसमें देरी हो रही थी. 2023 में, भारत सरकार ने BYD और उसकी हैदराबाद स्थित साझेदार Megha Engineering (MEIL) के 8,200 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
लेकिन अब सरकार की नीतियों में थोड़ी ढील के बाद, BYD अपनी योजना को फिर से आगे बढ़ा रही है. कंपनी की सहयोगी Olectra Greentech पहले से ही BYD की तकनीक से हैदराबाद में इलेक्ट्रिक बसें बना रही है.
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बैटरी का भी होगा प्रोडक्शन
BYD सिर्फ कार बनाने का प्लान नहीं कर रही, बल्कि भारत में एक बड़ा बैटरी प्लांट भी लगाने की योजना बना रही है. कंपनी अगले 5-7 सालों में 6 लाख EV कार सालान बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. BYD ने हाल ही में Tesla को कमाई के मामले में पीछे छोड़ दिया है. कंपनी का सालाना कारोबार 9.20 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जबकि Tesla का 8.40 लाख करोड़ रुपये है.
सस्ती हो जाएंगी कारें
अभी BYD चीन से कारें इंपोर्ट करती है, जिससे उनकी कीमत ज्यादा होती है. अगर भारत में ही फैक्ट्री लगती है, तो मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट घटेगी जिससे गाड़ियां सस्ती होंगी और बिक्री बढ़ेगी.
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